पहलाज निहलानी की जगह केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के नए अध्यक्ष नियुक्त किए गए सुप्रसिद्ध कवि एवं गीतकार प्रसून जोशी शास्त्रीय संगीत के भी अच्छे ज्ञाता हैं और एक समय उनके उस्ताद उन्हें ठुमरी गायक बनाना चाहते थे। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अनुसार, जोशी की नियुक्ति तत्काल प्रभावी हो गई है और वह 11 अगस्त से अगले तीन साल के लिए इस पर रहेंगे।
जोशी के माता-पिता संगीत के जानकार थे और परिवार में संगीत का माहौल होने के कारण उनका भी रुझान गीत संगीत की ओर हुआ। उन्होंने संगीत के प्रति अपनी अभिरुचि को परवान चढ़ाने के लिए उस्ताद हाफिज़ अहमद खान से बाकायदा शास्त्रीय संगीत की तालीम हासिल की। उनके गुरु उनके संगीत के ज्ञान से इस कदर प्रभावित हुए कि वह उन्हें ठुमरी गायक बनाने के बारे में सोचने लगे थे ।
जोशी के पिता उन्हें प्रशासनिक अधिकारी बनाना चाहते थे लेकिन उनका मन कहीं और लगा था और उन्होंने एमबीए की पढ़ाई के बाद सृजन के माध्यम को अपनाते हुए अपने लिए विज्ञापन का क्षेत्र चुना और वह ओ एंड एम के साथ जुड़ गए। वहां दस साल काम करने के बाद उन्होंने अंतरराष्ट्रीय विज्ञापन कंपनी मैकऐन इरिक्सन के लिए काम किया। वह इस कंपनी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और इस कंपनी के लिए एशिया महाद्वीप में सृजनात्मक निदेशक की भूमिका निभा रहे हैं।
जोशी को राजकुमार संतोषी की फिल्म ‘लज्जा’ से फिल्मी दुनियां में कदम रखा। उसके बाद से वो लगातार फिल्मों से जुड़े रहे। उन्हें एड गुरु माना जाता है और कई प्रसिद्ध कैचलाइन प्रसून जोशी की ही दी हुई हैं। उन्होंने ‘दिल्ली-6’, ‘तारे ज़मीन पर’, ‘रंग दे बस्ती’, ‘हम तुम’ और ‘फना’ जैसी कई फ़िल्मों के लिए कई सुपरहिट गाने लिखे हैं। ‘तारे ज़मीन पर’ के गाने ‘मां’ और फिल्म चिटगांग के गाने बोलो ना के लिए।