दावोस के बाद अब पीएम मोदी आसियान में लोगों का दिल जीतते नज़र आएंगे। दिल्ली में एक कार्यक्रम में आसियान देशों के सभी राष्ट्राध्यक्ष जुट रहे हैं। वहीँ दूसरी ओर आसियान के दस देशों के ये सभी राष्ट्राध्यक्ष इस बार गणतंत्र दिवस के चीफ गेस्ट होंगे। यह एक ऐतिहासिक क्षण होगा, क्योंकि पहली बार इतने देशों के राष्ट्राध्यक्ष एक साथ भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने जा रहे हैं।
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक इसके पहले करीब 68 साल पहले 1950 में 26 जनवरी को भारत के प्रथम गणतंत्र दिवस पर दक्षिण-पूर्व एशिया की प्रमुख हस्ती सुकर्णो को चीफ गेस्ट के रूप में आमंत्रित किया गया था। इस बार फिर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो को आमंत्रित किया गया है।
पीएम मोदी की यह रणनीति बेहद खास है, क्योंकि पहली बार आसियान देशों के साथ इतने राष्ट्राध्यक्ष एक साथ परेड में भारत की सैन्य ताकत और सामाजिक विविधता की झलक देखेंगे।
बताते चलें कि भारत और आसियान देशों के रिश्तों की इस साल सिल्वर जुबिली है, यानी 25 साल हो रहे हैं। इस मौके पर दिल्ली में 25 जनवरी से एक इंडिया-आसियान बिजनेस ऐंड इनवेस्टमेंट कॉन्फ्रेंस आयोजित किया जा रहा है, जिसमें सभी 10 राष्ट्राध्यक्ष शामिल हो रहे हैं।

पीएम मोदी ने हाल में अपने ‘मन की बात’ में कहा था कि, ’26 जनवरी, 2018 को युगों तक याद रखा जाएगा।’ वास्तव में इतने राष्ट्राध्यक्षों को एक साथ जुटाना पीएम मोदी की एक बड़ी उपलब्धि है।
गौरतलब है कि अपनी एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत ही मोदी सरकार ने आसियान (एसोसिएशन ऑफ साउथ-ईस्ट एशियन नेशन्स-Asean) के 10 राष्ट्राध्यक्षों का दिल्ली में सम्मेलन आयोजित किया है। नवंबर, 2014 में 12वें आसियान इंडिया समिट के दौरान पीएम मोदी ने एक्ट ईस्ट पॉलिसी की घोषणा की थी।