एशियन गेम्स-2013 में दो सिल्वर मेडल जीतने वाले पैरा साइकलिस्ट आदित्य मेहता के साथ एयरपोर्ट पर बदसलूकी का मामला सामने आया है। आदित्य का आरोप है कि सिक्युरिटी चेकिंग के दौरान उनका प्रोस्थेटिक लेग निकलवा दिया गया। उनके साथ ऐसा पिछले दो महीने में दूसरी बार हुआ है।

बेंगलुरू एयरपोर्ट पर मंगलवार को सुरक्षा जांच के दौरान आदित्य को नकली पांव हटाकर दिखाने के लिए कहा गया, और उसके बाद उड़ान पकड़ने की जल्दी की वजह से वह उसे वापस पहनते हुए घायल भी हो गए।

पीटीआई के मुताबिक हैदराबाद से फोन पर बातचीत करते हुए आदित्य ने बताया, “उन्होंने मुझे नकली पांव हटाने के लिए मजबूर किया… उसे वापस पहनने में मुझे 45 मिनट लगे… जब मैं उसे वापस पहन रहा था, अधिकारी मुझसे जल्दी बाहर आने के लिए कह रहे थे, क्योंकि उड़ान का वक्त नज़दीक था… उसी टेंशन में मैंने स्टंप को ज़्यादा ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया, और घर आकर पांव हटाने पर पता चला, उससे खून बह रहा था…”

इससे पहले भी दो बार दिल्ली तथा बेंगलुरू के एयरपोर्ट पर सुरक्षाधिकारियों ने पैरासाइकिलिस्ट आदित्य मेहता को इसी तरह नकली पांव हटाने के लिए मजबूर किया जा चुका है।

आदित्य ने कहा कि जिस अधिकारी ने मुझसे पांव हटाकर दिखाने के लिए कहा था, मैंने उनसे अनुरोध किया था कि उड़ान में 30 मिनट ही बचे हैं, जबकि इसे वापस पहनने में मुझे कम से कम 45 मिनट लग जाएंगे। आदित्य ने बताया, “लेकिन अधिकारी ने कहा, ‘नहीं, अगर आपको चोट लगी है, तो यह आपकी समस्या है…’ हमें सुरक्षा का ध्यान रखना है, और आपको हमें हमारी ड्यूटी करने देनी चाहिए…”

इसके बाद सोशल मीडिया पर अपने गुस्से का इज़हार करते हुए आदित्य ने लिखा कि नागरिक उड्डयन महानिदेशक (डीजीसीए) को दिव्यांगों की खातिर फुल-बॉडी स्कैनर लगाए जाने के लिए लिखने के बावजूद कुछ भी नहीं किया गया है।

उधर, हैदराबाद स्थित डीजीसीए कार्यालय के अनुसार, नकली पांव लगाकर पहुंचे लोगों से उसे हटाकर दिखाने के लिए कहना सुरक्षा के लिहाज़ से कतई सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है।