देश की दिग्गज सॉफ्टेवयर कंपनी इंफोसिस में पिछले कुछ महीनों से उठा पटक का दौर चल रहा है। कंपनी के को-फाउंडर्स में से एक नंदन नीलकेणि की इंफोसिस में वापसी हो गई है। कंपनी के फाउंडर्स और बोर्ड के बीच विवादों की खबर के बाद 18 अगस्त को CEO और एमडी विशाल सिक्का ने इस्तीफा दे दिया था।

नीलेकणि को नॉन एक्जिक्यूटिव चेयरमैन बनाया गया है। इस पूरे विवाद के दौरान कंपनी के फाउंडर नारायमूर्ति का नाम कई बार सामने आया, कंपनी के बोर्ड ने सिक्का के इस्तीफे के पीछे मूर्ति को ही कारण बताया था।

बताते चलें कि नीलेकणि मार्च, 2002 से अप्रैल, 2007 तक कंपनी के सीईओ रहे थे। इसके बाद वह भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) प्रमुख के पद पर रहे। नीलकेणी उन सात चर्चित संस्थापकों में से एक हैं जिन्होंने 80 के शुरुआती दशक में आईटी कंपनी इंफोसिस की स्थापना की थी।