ओपि‍नियन पोस्‍ट
पांच दिवसीय भारत दौरे पर आए इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और पीएम मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। दिल्ली के हैदराबाद हाउस में हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद साझा बयान जारी करते हुए दोनों देशों के पीएम ने भारत-इजराइल की दोस्ती आगे बढ़ाने की बात कही।

इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामीन नेतन्याहू ने अपने बयान में कहा कि हमें मुंबई में हुआ 26/11 का आतंकी हमला याद है, हम पीछे नहीं हटेंगे बल्कि इसका मुकाबला करेंगे। पीएम मोदी जब इजराइल आए तो उनके उस दौरे ने इजराइल को लोगों में उत्साह भर दिया था। भारत में जेविश लोगों के साथ कभी भेदभाव नहीं हुआ जैसा अन्य कई देशों में हुआ। भारत की महान सभ्यता, सहिष्णुता और लोकतंत्र पर हमे गर्व है।

नेतन्याहू ने इस दौरान पीएम मोदी की जमकर तारीफ की और कहा कि पीएम मोदी एक क्रांतिकारी नेता हैं और आपने इनस देश को एक क्रांतिकारी बदलाव दिया है। इसके साथ ही भारत को भविष्य की और ले जा रहे हैं। आपका इजराइल दौरे बेहद महत्वपूर्ण था क्योंकि पहली बार कोई भारतीय नेता वहां आया था। उन्होंने पीएम मोदी को अपने साथ योगा करने के लिए भी आमंत्रित किया।

वहीं पीएम मोदी ने कहा कि जब पिछले साल में इजराइल गया तो भारत से सवा अरब लोगों की सुभेच्छाएं लेकर गया था। इसके जवाब में मुझे इजराइल के लोगों का प्यार और गर्मजोशी मिली।

पीएम ने कहा कि इजराइल और भारत इन चीजों में सहयोग बढ़ाएंगे जो लोगों की जिंदगी से सीधे तौर पर जुड़े हैं। इनमें कृषि, विज्ञान और तकनीक शामिल है। रक्षा क्षेत्र में मैंने पीएम नेतन्याहू को भारत की खुली विदेशी निवेश नीति का फाददे लेने के लिए कहा है।

9 समक्षौतों पर हुए हस्ताक्षर

modi-netanuइस वार्ता में में दोनों देशों के बीच रक्षा, एविएशन और सायबर सुरक्षा समेत 9 समझौते हुए। मोदी और नेतन्याहू के बीच सोमवार को अधिकारियों के साथ होने वाली बैठक के अलावा व्यक्तिगत मुलाकात भी होगी।

विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक दोनों नेताओं की अगुआई में होने वाली मुलाकात एक तरह से जुलाई, 2017 में बनी सहमति को आगे बढ़ाने वाली होगी। मसलन, तब उड्डयन क्षेत्र को बेहद संभावनाओं वाले क्षेत्र के तौर पर चिह्नित किया गया था। पिछले छह महीनों में दोनों पक्षों के बीच कई स्तरों की बातचीत में उन क्षेत्रों का चयन किया गया है, जहां एविएशन में हम आगे बढ़ सकते हैं। एक तरह से यह बैठक मौजूदा द्विपक्षीय रिश्तों को ज्यादा व्यापक बनाएगी।

इससे पहले नेतन्याहू के दिल्ली पहुंचने पर उनका वैसा ही स्वागत हुआ जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पिछले साल तेल अवीव पहुंचने पर हुआ था। नेतन्याहू के स्वागत के लिए मोदी ने स्वयं हवाई अड्डे पर पहुंच कर यह जता दिया कि भारत भी दोस्ती निभाना बखूबी जानता है। इसके बाद पीएम ने उनके सम्मान में अपने आवास पर रात्री भोज भी दिया।

जिस तरह से नेतन्याहू ने मोदी के इजरायल दौरे के दौरान अधिकांश समय उनके साथ बिताया था वैसे ही मोदी भी अगले तीन दिनों तक कई कार्यक्रमों में उनके साथ रहेंगे। मोदी ने इस यात्रा को ऐतिहासिक करार दिया है, तो नेतन्याहू ने भारत को एक वैश्विक शक्ति कह कर संबोधित किया है।

इजरायल के निवेशक उत्सुक

इजरायल की तरफ से जो तैयारी दिखती है, उससे लगता है कि भारतीय बाजार के प्रति वहां के निवेशकों में काफी उत्सुकता है। नेतन्याहू के साथ 130 कारोबारियों का एक बड़ा दल भी भारत आ रहा है। इसमें रक्षा क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों के साथ ही स्वास्थ्य क्षेत्र की भी कंपनियां हैं। इसमें ड्रोन बनाने वाली इजरायल की बड़ी कंपनी एयरोनॉटिक्स डिफेंस सिस्टम के अधिकारी भी हैं।

इजरायली और भारतीय कंपनियों की एक विशेष बैठक सोमवार संध्या में आयोजित होगी जिसे मोदी और नेतन्याहू भी संबोधित करेंगे। नेतन्याहू नई दिल्ली और मुंबई में भारतीय कारोबारियों के साथ अलग से मुलाकात करेंगे।

आतंकवाद के खिलाफ होगा आह्वान

मोदी और नेतन्याहू के बीच मुलाकात के बाद जारी होने वाले संयुक्त बयान में आतंकवाद के खिलाफ बेहद कड़ी भाषा के इस्तेमाल की संभावना है। आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों देश हमेशा से एक स्वर में बोलते रहे हैं। सीमा पार आतंकवाद के मुद््‌दे पर इजरायल खुलकर भारत का पक्ष लेता है। वह भारत को हरसंभव मदद का आश्वासन भी देता रहा है।

नेतन्याहू मुंबई प्रवास के दौरान वर्ष 2008 के आतंकी हमले में मारे गए लोगों की याद में आयोजित एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे। उस हमले में मारे गए एक इजरायली दंपति का पुत्र मोशे भी नेतन्याहू के साथ भारत आया हुआ है।

रक्षा सहयोग होगा और प्रगाढ़

भारत अभी इजरायली हथियारों का दुनिया में सबसे बड़ा खरीदार देश है। हथियारों की अंतरराष्ट्रीय खरीद बिक्री पर नजर रखने वाली एजेंसी स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के मुताबिक 2016 में भारत ने इजरायल से 59.9 करोड़ डॉलर के हथियार खरीदे थे। इससे ज्यादा राशि (1.6 अरब डॉलर) के हथियार भारत ने सिर्फ रूस से खरीदे थे। लेकिन अभी रक्षा क्षेत्र में कई ऐसे नए क्षेत्र हैं, जहां भारत इजरायल की तकनीकी व निवेश चाहता है।