कूड़ा-कूड़ा हुई दिल्ली पर एनजीटी खफा

विशेष संवाददाता
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को ही राजधानी में चल रही सफाई कर्मचारियों की तनख्वाह के लिए 119 करोड़ रुपए दिए जिसके बाद लगा कि सफाई कर्मचारियों की हड़ताल ख़तम हो गई है । दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग के अध्यक्ष संतलाल चंवरिया ने इसके लिए सरकार का शुक्रिया भी अदा कर दिया । लेकिन आज सुबह होते ही हड़ताली कर्मचारी संगठनों ने दिल्ली सरकार के दावे से असहमति जता दी और हड़ताल वापस नहीं ली। इतना ही नहीं हड़ताली कर्मचारियों के एक गुट ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास की घेराबंदी भी की जिसके बाद स्थिति जस की तस दिखाई देने लगी । सफाई कर्मचारियों की हड़ताल से नाराज एनजीटी ने भी दिल्ली सरकार और सफाई कर्मचारी यूनियन को नोटिस दिया दे दिया है ।
बुधवार को एनजीटी ने सभी पक्षो को तलब भी किया गया है। कूड़े के निपटारे को लेकर एनजीटी ने हाई लेवल कमेटी का गठन किया जिसमें ,एनपीसीबी , एनसीटी , डीपीसीसी , एमसीडी और डीडीए मेंबर होंगे । वहीं 4 स्वतंत्र मेम्बर होंगे। ये कमेटी 6 हफ्ते में कूड़े के निपटारे की व्यवस्था और खामियां की रिपोर्ट देगी।
एनजीटी ने 5 स्टार होटल और हॉस्पिटल, बड़ी कॉलोनी और वो कॉलेज जिसमे 500 से ऊपर छात्र है उन सभी में कमेटी को जांच के निर्देश दिए हैं। इस रिपोर्ट में वहां कूड़े का निपटारा किस तरह किया जा रहा है और कूड़े का निपटारा करने के दौरान उसे ठीक से ट्रीट किया जा रहा है या नहीं। कूड़े को ट्रीट करने के लिए उनके अपने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट है या नहीं और उनकी कैपेसिटी पर्याप्त है या नहीं। एनजीटी ने कहा कि सीवेज दिल्ली मे ग्राउंड वाटर और यमुना नदी को प्रदूषित कर रहा है, प्रदूषण का ये एक बड़ा कारण है। जिसको सख्ती से रोकने की ज़रूरत है, सीवेज का सही से ट्रीट और रिसायकिल होना बेहद जरुरी है।
एनजीटी ने सॉलिड म्युनिसिपल वेस्ट को लेकर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है जिसमें अब तक के एनजीटी के आदेशों का कितना पालन हुआ और साथ ही आगे के लिए किस तरह की प्लानिंग है ये बताना होगा। ये रिपोर्ट सेंट्रल पोलुशन कंट्रोल बोर्ड से लेकर डीडीए, पर्यावरण मंत्रालय और सभी एमसीडी को देनी होगी।
दिल्ली एनसीआर मे कूड़े के निपटारे को लेकर एनजीटी ने आदेश दिया है कि 6 हफ्ते में तमाम सिविक एजेंसियों को अपनी रिपोर्ट दें। एनजीटी ने सभी को 2 दिसंबर के आदेश का पालन करने का आदेश दिया, सॉलिड म्युनिसिपल वेस्ट को लेकर अब तक के काम की रिपोर्ट भी कोर्ट ने सभी पक्षों को देने के निर्देश दिए हैं।
एनजीटी ने कहा कि जो भी अधिकारी एनजीटी के निर्देशों पर काम नहीं करेंगे, उसके खिलाफ़ एक्शन लिए जायेगा। एनजीटी ने कहा कि सॉलिड म्युनिसिपल वेस्ट की समस्या हर राज्य और पूरे देश की है। इस मामले मे प्रोसेसिंग से लेकर सेग्रिग्रेशन पर काम करने की ज़रूरत हैं, ये भी प्रदूषण को बढ़ा रहा है। एनजीटी ने कहा कि ओखला, नरेला, गाज़ीपुर की एनर्जी प्लांट पहले ही अपनी लिमिट से ज्यादा का सॉलिड म्युनिसिपल वेस्ट ट्रीट कर रहे है।

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