निशा शर्मा।

23 अप्रैल को दिल्ली में MCD चुनाव होने जा रहे हैं ऐसे में इस त्रिकोणीय मुकाबले में प्रचार के दौरान और ओपिनियन पोल मे बीजेपी उभरती नजर आ रही है। वोटिंग से पहले जनता का मूड भांपने के लिए एक प्राईवेट चैनल ने सी-वोटर के साथ मिलकर सर्वे किया है। इस सर्वे में एमसीडी पर बीजेपी की बादशाहत बरकरार दिख रहने का अनुमान लगाया गया है। सर्वे के मुताबिक दिल्‍ली नगर निगम 2017 के चुनाव में कुल 272 सीटों में बीजेपी को 179 सीटें मिलेंगी, जबकि आम आदमी पार्टी 45 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रहेगी। कांग्रेस 26 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर खिसकती दिखाई गई है। इसके अलावा अन्‍य के खाते में 22 सीटें जाने का अनुमान लगाया गया है।

इसकी वजह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि के बाद यूपी में योगी की लहर का असर और दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी का जमकर प्रचार माना जा सकता है। आम आदमी पार्टी ने भी प्रचार की पूरी कोशिश की लेकिन पंजाब में पाई शिक्सत और दिल्ली में किए वादों की अनदेखी के चलते जनता की नाराजगी पार्टी को झेलनी पड़ी जिसके चलते कई लोग आम आदमी पार्टी के खिलााफ होते दिखे। वहीं प्रचार और अपनी छवि को बचाने के प्रयास में कांग्रेस का रंग फीका ही नजर आया । एक ओर जहां राजनीतिक पार्टियां जगह-जगह होर्डिंग, पोस्टर, बैनर से अपनी बात जनता तक पहुंचाने की कोशिश कर रही थी। इन पार्टियों के स्टार प्रचारकों ने जहां दिन-रात एक कर रखा था वहीं कांग्रेस के नेता आरोप-प्रत्यारोप और आपसी खींचतान में लगे दिखे।

दरअसल,, दिल्ली के नगर निगम के चुनाव में बीजेपी का कब्जा पिछले दस साल से है औऱ पार्टी यह कतई नहीं चाहती कि उसके हाथ से यह चुनाव निकले जिसके लिए पार्टी ने जमकर प्रचार प्रसार किया यही नहीं बीजेपी के बड़े चेहरे भी नगर निगम के चुनावों के लिए प्रचार करते नजर आए।

बताते चलें कि साल 2012 के चुनावों में मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच था। चुनावों में बीजेपी को भारी बहुमत मिला था। 272 सीटों में से बीजेपी को 138 सीटें और कांग्रेस को 77 सीटें हासिल हुई थीं। वहीं बीएसपी ने 15 सीटें जीती थीं।

इस बार के चुनावों में आम आदमी पार्टी और स्वराज पार्टी ने दस्तक तो दी है लेकिन इन पार्टियों का जलवा प्रचार के दौरान इतना प्रभावी नहीं रहा जितना बीजेपी ने अपना दम खम दिखाने की कोशिश की।

दूसरी ओर 2015 दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटें हासिल कर रिकॉर्ड बनाया था। इस लिहाज से आम आदमी पार्टी पर प्रदर्शन दोहराने का दबाव खासा दिख रहा है लेकिन यह तो नगर निगम के आने वाले चुनाव के परिणाम ही बताएंगे की दिल्ली का दिल किसने जीता???