मंदसौर।

मध्य प्रदेश के मंदसौर पीड़ितों को कार्रवाई से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। उन्‍होंने कहा है, हमें सरकारी नौकरी या सहायता राशि नहीं चाहिए। बस दोषियों पर कार्रवाई हो। इससे कम कुछ भी हमें मंजूर नहीं है। उधर, मंदसौर में छह जून को किसान आंदोलन के दौरान पुलिस गोलीबारी के बाद से कई किसान लापता हैं। यह दावा बुधवार को किसानों ने उस समय किया, जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पीड़ित परिवारों के बीच पहुंचे।

दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को मंदसौर पहुंचे और किसान आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में मारे गए लोगों के परिवारों से मिले। जब शिवराज एक मृतक के परिजन से मिले तो उन्होंने कहा कि हमें सरकारी नौकरी या मदद नहीं चाहिए। हम बस दोषियों पर कार्रवाई चाहते हैं। इसके बाद सीएम ने कहा कि दोषियों को नहीं छोड़ा जाएगा।

सीएम पुलिस कार्रवाई में मारे गए घनश्याम (32) के पिता दर्गालाल से मिले। लाठीचार्ज में घायल होने के बाद घनश्याम को इंदौर ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। सीएम महिलाओं से मिलने घर के भीतर पहुंचे तो मरने वाले किसान की पत्नी रेखा ने कहा, आप पुलिस को गोली चलाने का आदेश दे सकते हो क्या ? इस पर सीएम खामोश हो गए।

सीएम ने घनश्याम की 2 महीने की बेटी वंशिका को गोद लिया। शिवराज ने कहा कि घनश्याम का 4 साल का बेटा रघुदनंदन और बेटी वंशिका अब सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार इनके लिए सहायता राशि के अलावा हर संभव मदद करेगी।

सीएम नीमच के नयाखेड़ा में चैनराम पाटीदार के घर पहुंचे। परिवार के साथ छोटे भाई गोविंद से कामकाज के बारे में जानकारी ली। जवाब में गोविंद ने कहा- ” मैं 10वीं पास हूं।” इसके बाद सीएम ने कहा कि विधायक दिलीप सिंह परिहार के साथ भोपाल आ जाना। आपको नौकरी दे दी जाएगी।

इससे पहले बड़वन से सीएम सीधे लोध पहुंचे थे, जहां मारे गए सत्यनारायण के परिजनों से मिले। सीएम ने कहा कि मैं दुख की इस घड़ी में आपके साथ हूं, पूरी सरकार आपके साथ खड़ी है। सरकार आपका कर्ज माफ कर रही है। आपके खाते में एक करोड़ रुपये आ जाएंगे।

उधर, कांग्रेस भी सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज करने जा रही है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ दूसरे नेता भोपाल में 72 घंटे का उपवास शुरू करेंगे। सिंधिया को एक दिन पहले ही मंदसौर में एंट्री नहीं मिली थी। उन्‍होंने मंगलवार को जावरा के रास्ते मंदसौर जाने की कोशिश की थी। पुलिस ने उन्हें मंदसौर-जावरा सीमा पर टोल के पास रोककर हिरासत में ले लिया था।

सिंधिया के अलावा सांसद कांतिलाल भूरिया और पूर्व मंत्री महेंद्रसिंह कालूखेड़ा को भी पुलिस ने हिरासत में लिया गया था। एडमिनिस्ट्रेशन ने सिंधिया को सेक्शन 144 लागू होने के चलते मंदसौर में घुसने की मंजूरी नहीं दी।

इससे पहले हार्दिक मंगलवार सुबह करीब 10 बजे राजस्थान-एमपी बॉर्डर से सटे नयागांव पहुंचे थे। उनके साथ जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव अखिलेश कटियार भी थे। हार्दिक ने जैसे ही मध्य प्रदेश में एंट्री की वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। हार्दिक को रोकने के लिए पुलिस ने महू-नसीराबाद हाइवे को बंद कर दिया था।