नई दिल्ली।
सेना के लिए बेहद जरूरी एम-777 (एम-ट्रिपल सेवन) तोपें बृहस्पतिवार को भारत पहुंच जाने से देश की सामरिक ताकत में इजाफा हुआ है। 30 साल में पहली बार कोई तोप भारतीय सेना के जंगी बेड़े में शामिल हुई है। 80 के दशक के आखिर में भारतीय सेना को स्वीडन से बोफोर्स तोप मिलीं थीं, लेकिन बोफोर्स सौदे में हुई दलाली और घोटालों के आरोपों के बाद से कोई तोप भारतीय सेना को नहीं मिल पाई थी।
अब बोफोर्स सौदे की काली छाया से भारत बाहर निकल आया है। बृहस्पतिवार को तड़के दो एम-ट्रिपल सेवन तोपें दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच गईं। कस्टम क्लीयरेंस के बाद इन तोपों को सीधे दिल्ली कैंट से राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज ले जाया जाएगा। पोखरण में दोनों तोपों से गोलें दागकर टेस्ट किया जाएगा। हालांकि इन तोपों के सभी परीक्षण पहले ही पूरे हो चुके हैं।
ये तोपें इसलिए खरीदी गई हैं ताकि युद्ध की परिस्तथितियों में इन्हें जल्द से जल्द सीमा पर पहुंचा दिया जाए। ये इतनी हल्की तोपें हैं कि इन्हें हेलीकॉप्टर के जरिये भी उंचाई वाले इलाकों में पहुंचाया जा सकता है। भारतीय वायुसेना का सुपरहरक्युलिस मालवाहक विमान ऐसी दो तोपों को आसानी से किसी भी जगह कुछ ही घंटों में पहुंचा सकता है।
एम-777 तोपों की खास बातें
इस तोप को हेलीकॉप्टर या विमान के जरिये भी बार्डर पर ले जाया जा सकता है। इस तोप का वजन काफी कम करीब 4 टन है। वहीं बोफोर्स का वजन करीब 11,500 किलोग्राम है। इसकी रेंज करीब 25 किलोमीटर से 40 किलोमीटर तक है। भारत-चीन सीमा पर इन तोपों को तैनात किया जाएगा। भारत अमेरिका से ऐसी 145 तोपें खरीदेगा।
बोफोर्स तोपों के बाद पहली बार भारतीय सेना को आधुनिक तोपें मिली हैं। हालांकि कारगिल की लड़ाई के समय बोफोर्स के दम पर भारतीय सेना ने पाकिस्तान को पीछे धकेल दिया था। आज के दौर में दुनिया भर के देश बोफोर्स की तुलना में कहीं ज्यादा आधुनिक आर्टिलरी सेना में शामिल कर चुके हैं।
एम-777 तोपें बनाने वाली कंपनी बीएई सिस्टम्स ने एक बयान जारी कर कहा है कि यूएस द्वारा मिलेट्री सेल्स के जरिये भारत को दी जाने वाली 145 एम-777 अल्ट्रा लाइट होवित्जर के करार को पूरा करने के लिए हमें ये बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि पहली दो तोपें समय से पहले इस हफ्ते भारत पहुंच रही हैं।
दरअसल, भारत ने पिछले साल ही अमेरिका की बीईए कंपनी से 145 तोपें खरीदने का सौदा किया था। इस सौदे की कीमत करीब 2900 करोड़ रुपये है। इस सौदे के तहत 155×39 कैलेबर की 25 तोपें तो सीधे अमेरिकी कंपनी से आएंगी और बाकी 120 भारत में ही ‘एसेम्बल’ की जाएंगी। इन 120 तोपों की एसेम्बलिंग के लिए बीएई ने भारतीय कंपनी महिंद्रा से करार किया है।