नई दिल्‍ली।

भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव तक भारतीय राजनयिक पहुंच मुहैया कराने से पाकिस्तान ने एक बार फिर साफ़ इनकार कर दिया है। भारत ने ये मांग 15वीं बार की,  लेकिन हर बार की तरह पाकिस्तान ने इससे साफ़ इनकार कर दिया है। कुलभूषण जाधव को मार्च 2016 में जासूसी के आरोप में पाकिस्तान ने गिरफ्तार किया था। वहां उन्हें मौत की सजा सुनाई गई है।

उधर,  दिल्ली हाई कोर्ट में एक अर्जी दाखिल कर गुहार लगाई गई है कि वह विदेश मंत्रालय को निर्देश दे ताकि मंत्रालय पूर्व भारतीय नौसेना अफसर और पाकिस्तान की जेल में कैद कुलभूषण जाधव की रिहाई के लिए अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का रुख करे। याचिकाकर्ता राहुल शर्मा ने कहा कि पाकिस्तानी सेना जाधव को निष्पक्ष सुनवाई का अवसर उपलब्ध करवाने में विफल रही है।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल एचआर मैकमास्टर दिल्ली में जाधव मुद्दे पर भारत में उनके समकक्ष डोभाल से बातचीत कर सकते हैं। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने बताया कि कानून के तहत हम जासूसी में शामिल कुलभूषण जाधव तक भारत को राजनयिक पहुंच नहीं दे सकते। हालांकि नई दिल्ली में भारतीय अधिकारियों ने कहा कि राजनयिक पहुंच से इंकार किए जाने को लेकर पाकिस्तान की तरफ से कोई आधिकारिक सूचना नहीं दी गई है।

उधर,  पाकिस्तान ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस मसले पर झुकने के लिए तैयार नहीं है। भारत इस संबंध में पाकिस्तान से करीब 14 बार पहले भी मांग कर चुका है और ये मांग 15वीं बार पाकिस्तान ने ठुकराई है। 46 साल के जाधव को कथित जासूसी के मामले में फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल ने पिछले सप्ताह मौत की सजा सुनाई थी, जिस पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।

कुलभूषण जाधव को मार्च 2016 में जासूसी के आरोप में पाकिस्तान ने गिरफ्तार किया था। उन्हें मौत की सजा सुनाई गई है, जिसकी पुष्टि खुद पाकिस्तान सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने की थी। कुलभूषण जाधव भारतीय नौसेना के सेवारत अधिकारी हैं लेकिन पाकिस्तान ने उन पर रॉ का एजेंट होने के आरोप लगाए। रिपोर्टों के मुताबिक कुलभूषण जाधव पर पाकिस्तान का दावा है कि वह हुसैन मुबारक पटेल के नाम से बलूचिस्तान इलाके में ईरान की सीमा से दाखिल हुए थे।

इस मामले में सख्त होते हुए भारत ने पाकिस्तान के साथ सभी तरह की द्विपक्षीय बातचीत बंद कर दी है। दोनों देशों को समुद्री सुरक्षा के लिए 17 अप्रैल को एक मीटिंग करनी थी, लेकिन शुक्रवार (14 अप्रैल) को भारत ने आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान को यह संदेश भेज दिया था कि भारत ऐसी किसी बातचीत के लिए फिलहाल तैयार नहीं है। यह भी कहा गया था कि भारत पाकिस्तान के किसी भी डेलिगेशन को यहां नहीं बुलाना चाहता। पाकिस्तानी समुद्री सुरक्षा एजेंसी (पीएमएसए) के लोग रविवार को भारत आने वाले थे।