देब दुलाल पहाड़ी

रिसर्च आधारित नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन आईआरटीई ने देश में अपनी तरह की पहली विश्वस्तरीय फॉरेंसिक क्रैश लैब की स्थापना की।

इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक इंस्टीट्यूट (आईआरटीई) ने  दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं की चपेट में आने वाले लोगों की सुरक्षा पर शुरू हुए एक तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान अपनी पहली विश्वस्तरीय दुर्घटना जांच प्रयोगशाला का अनावरण किया।

दुर्घटना जांच प्रयोगशाला का उद्घाटन श्री सॉल बिलिंग्सले, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, फेडरेशन इंटरनेशनल ऑटोमोबाइल (एफआईए) फाउंडेशन ने किया। इस प्रयोगशाला की मदद से सड़क दुर्घटनाओं के कारणों और परिणामों का वैज्ञानिक विशलेषण किया जा सकेगा साथ ही साथ इनमें सुधार लाने की दिशा में उनका विश्लेषण करते हुए एक प्रभावी प्रणाली को तैयार किया जाएगा।

 इस अवसर पर डॉ. रोहित बालूजा, अध्यक्ष, इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन (आईआरटीई) ने कहा ‘यह प्रयोगशाला आईआरटीई के एक्सीडेंट फॉरेंसिक्स और एक्सीडेंट इनवेस्टीगेशन प्रोग्राम मुहैया कराने मे सहयोग देगी तथा पुलिसकर्मियों को दुर्घटना जांचकर्ता बनने का प्रशिक्षण देने के लिए पुलिस ट्रेनिंग स्कूलों, कॉलेजों और अकादमियों को अपनी सेवाएं देगी।

डॉ. बालूजा ने बताया कि आईआरटीई ने पहले ही डॉ, स्टीफन डाटाटेकनिक, ऑस्ट्रिया तथा वीआईए, द नीदरलैंड्स के सहयोग से अपने फरीदाबाद कैंपस में पहले दुर्घटना जांच तथा अनुसंधान प्रकोष्ठ (सीआईआरसी) की स्थापना कर दी है। दुर्घटना जांच प्रयोगशाला पुलिस कर्मियों को वास्तविक माहौल का अनुभव कराएगी और उन्हें सीखने के लिए एक अनूठा अनुभव देगी। नागरिक सुविधा देने वाली तथा सड़क की देखभाल करने वाली एजेंसियों को सड़क दुर्घटनाओं के कारणों के विश्लेषण के आधार पर सड़क सुरक्षा ऑडिट करने में सहयोग प्रदान करेगी।

 डॉ. बालूजा ने यह भी कहा कि आईआरटीई पहले ही राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडू, कर्नाटक तथा दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों के पुलिस कर्मियों को तथा हैदराबाद में नेशनल पुलिस अकादमी में दुर्घटना जांच तथा पुनर्निर्माण तथा पाठ्यक्रमों का प्रशिक्षण दे रही है। आईआरटीई के विभिन्न प्रोग्राम पुलिस कर्मियों को सड़क दुर्घटनाओं से जुड़े प्रमाणित ज्ञान और तकनीकों के आधार पर दुर्घटना की जांच और विश्लेषण करने में दक्षता हासिल करने में मदद करते हैं।

 डॉ. बालूजा ने जोर देते हुए कहा कि चूंकि दुर्घटना जांच एक उभरता हुआ कार्यक्षेत्र है इसलिए दुर्घटना जांच प्रयोगशाला अपने छात्रों की अच्छी तरह से समझने में मदद करेगी कि वे जान सकें कि दुर्घटनाएं कैसे होती हैं और किन तरीकों से इनसे बचा जा सकता है। इस काम में उनकी मदद इस क्षेत्र के विशेषज्ञ एक बेहद प्रक्रियागत तरीके से करेंगे और उन्हें बेहतर तरीके से समझाएंगे कि किन वजहों से एक्सीडेंट हुआ और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाएं न हों इसके लिए किस तरह के उपया किए जाने चाहिए। एक ही तरह की दुर्घटनाएं बार-बार होती रहती हैं और उनसे सबक नहीं लिया जाता या उनके बारे में सही आकलन नहीं हो पाता। इसकी एक बड़ी वजह यही है कि प्रभावी जांच शिक्षा तथा प्रशिक्षण उपलब्ध नहीं है और इसी दिशा में हम गंभीरता से काम कर रहे हैं।