ओपिनियन पोस्‍ट

पुलिस को जनता का रक्षक माना जाता है। लेकिल रक्षक ही अगर भक्षक बन जाए तो पुलिस से जनता का भरोसा टूटने लगता है। लेकिन अब ऐसा ही हो रहा है । पहले तो निचले स्‍तर के पुलिसकर्मी ही पैसा कमाने और अपनी अपराधिक फितरत के कारण अपराध की डगर पर चलते थे। लेकिन अब तो आईपीएस अधिकारी भी अपराध में लिप्‍त हो रहे है । ऐसे में सवाल उठता है कि वे कैसे अपने विभाग में व्‍याप्‍त अधीनस्‍थ अधिकारियों की वसूली,रेप, लूट, डकैती , धोखाधड़ी में लिप्‍त होंने की प्रवृत्ति को कैसे रोक पाऐंगे। ये सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है कि इन दिनों आईपीएस अफसरों के खिलाफ शातिर अपराधियों की तरह संगीन अपराधों में लिप्‍त होंने के मामले बढ़ रहे हैं।
भारतीय पुलिस सेवा यानी आईपीएस के 47 पुलिस अफसरों के खिलाफ भी हाल के दिनों में आपराधिक मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है।
राज्यसभा में गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू पिछले दिनों बताया कि इस समय 75 आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है। 47 आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक जांच और कार्रवाई की जा रही है। 47 आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। 20 मामलों में आरोपपत्र दाखिल किए गए हैं।
सांसद संजीव कुमार के सवाल के जवाब में गृहराज्‍यमंत्री ने यह भी बताया कि वर्ष 2014‌ से अब तक आईपीएस नियम 1958 के नियम 16(3) के प्रावधान का सहारा लेते हुए सरकार द्वारा 5 आईपीएस अफसरों को जनहित में सेवानिवृत्त किया गया है।
9 अक्टूबर 2017 को दिल्ली पुलिस में विशेष आयुक्त (प्रशासन) के पद तैनात राजेश मलिक के खिलाफ अंडमान निकोबार द्वीप समूह में पुलिस महानिदेशक के पद पर रहते हुए एक होटल व्यवसायी से लाखों रुपए ऐंठने की कोशिश के आरोप में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने मामला दर्ज किया है। राजेश मलिक के साथ उसके स्टाफ अफसर अशोक चौबे भी इस मामले में आरोपी हैं। यह मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता होटल व्यवसायी अब्दुल सलाम पहले अंडमान पुलिस में था। आरोप है कि ये अफसर किसी के खिलाफ गुमनाम व्यक्ति के नाम से शिकायत पत्र खुद बना देते थे फिर उसके आधार पर कार्रवाई करने की धमकी देकर रकम वसूलते थे । इस होटल मालिक से भी 15 लाख रुपए की मांग की गई। जिसकी उसने शिकायत कर दी। मुख्य सतर्कता अधिकारी ने जांच के बाद उप राज्यपाल के पास मामला भेज दिया। तत्कालीन उप राज्यपाल जगदीश मुखी की मंजूरी के बाद FIR दर्ज कर ली गई। राजेश मलिक 1997 में दिल्ली में पश्चिम जिले के डीसीपी थे तब दिल्ली सरकार में वित्त मंत्री जगदीश मुखी से उनकी गहरी दोस्ती थी।
इस साल तमिलनाडु में आईपीएस अफसर सफीर करीम आईएएस बनने के लिए यूपीएससी परीक्षा में नकल करते पकड़ा गया। आईपीएस नकल के लिए ब्लू टूथ का इस्तेमाल कर रहा था उसकी पत्नी उसे नक़ल करा रही थी। आईपीएस और उसकी पत्नी जॉयसी जॉय को गिरफ्तार किया गया।
साल 2017 में दिल्ली पुलिस में निचले स्‍तर के अनेक पुलिस वाले भी डकैती, लूट,रेप और रिश्वत लेते हुए पकड़े गए। पुलिस में भ्रष्टाचार का आलम यह है। रिटायर पुलिस वाले से पेंशन के काग़ज़ तैयार करने के लिए रिश्वत लेते हुए सब इंस्पेक्टर वीरेन्द्र कुमार पकड़ा गया। एसएचओ लगने के लिए दस लाख रिश्वत देने के मामले में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर बने सिंह मीणा को सीबीआई ने गिरफ्तार किया। करोड़ों की चंदन की लकड़ी लूटने में सब इंस्पेक्टर अनुज और सिपाही मनोहर लाल पकड़े गए। जबरन वसूली के झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर 5 लाख रूपए मांगने वाले कृष्णा नगर थाने के सब-इंस्पेक्टर विजय कुमार को सीबीआई ने गिरफ्तार किया।