तीसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर बुधवार को दुनिया के एक सौ पचास से ज्यादा देशों में योग किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में हजारों लोगों के साथ बारिश की रिमझिम के बीच योग किया। जबकि देशभर में योग के पांच हजार से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। योग गुरु बाबा रामदेव ने गुजरात के अहमदाबाद में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और आम जनता के साथ योग किया। रामदेव ने कहा कि तीन लाख लोगों ने एक साथ योग कर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। इस कार्यक्रम में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के अफसर भी मौजूद थे। वहीं मोदी सरकार के 74 मंत्रियों ने 74 शहरों में जाकर योग किया।

किसी भी सभ्‍यता और संस्‍कृति का पर्याप्‍त विकास तभी हो पाता है, जब उसे राज्‍याश्रय मिलता है। राज्‍याश्रय मिलने की वजह से ही बौद्ध धर्म पूरी दुनिया में फैल सका। इस दृष्टि से योग का भविष्‍य उज्‍ज्‍वल है क्‍योंकि उत्‍तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिंहासन छोड़ कर आसन तक पहुंचे हैं तो आसन लगाने वाले मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ आज उत्‍तर प्रदेश के सिंहासन पर विराजमान हैं।

रिमझिम बारिश के बीच पीएम मोदी लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर पार्क पहुंचे और योग किया। उन्‍होंने 35 मिनट में 6 आसन लगाया और एक शांतिपाठ किया। कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्‍यपाल राम नाइक समेत भाजपा के कई मंत्री मौजूद रहे। इस मौके पर मोदी ने कहा, “उतार-चढ़ाव के बीच योग जीवन जीने की कला सिखाता है। दुनिया के कई देश योग के चलते भारत से जुड़ने लगे हैं। योग की अहमियत जीवन में नमक की तरह है। योग की एक विशेषता है- मन को स्थिर रखने की। किसी भी प्रकार के उतार चढ़ाव के बीच भी स्वस्थ मन के साथ जीने की कला योग से सीखने को मिलती है।”

उधर, दिल्ली में भी बारिश के बावजूद लोगों ने पूरे उत्साह के साथ योग कार्यक्रमों में भाग लिया। केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू, विजय गोयल, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, राष्ट्रपति पद के राजग प्रत्याशी रामनाथ कोविंद और भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी योग करते दिखे। कनाट प्लेस के इनर सर्किल में बुजुर्ग और युवा रंग बिरंगे परिधानों में योग करते दिखे। इसके अलावा विभिन्न पार्कों और उद्यानों में योग कार्यक्रम आयोजित किए गए।

दरअसल, योग एक समय ऋषियों की साधना का ही मार्ग हुआ करता था। सदियां बदलती गईं,  आज योग घर-घर का हिस्सा बन रहा है। दुनिया के अनेक देश जो हमारी भाषा, संस्कृति नहीं जानते लेकिन योग के कारण पूरा विश्व भारत के साथ जुड़ने लगा है। संयुक्‍त राष्‍ट्र ने जब योग को मान्यता दी, तब से दुनिया का शायद ही कोई देश हो जहां योग का कार्यक्रम न होता हो। इसके प्रति जागरुकता न बढ़ी हो।