हैदराबाद। आतंकवादी संगठन आईएसआईएस की पैठ देश में लगातार बढ़ती जा रही है। खासकर हैदराबाद का नाम इससे बार-बार जुड़ रहा है। बुधवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक बार फिर हैदराबाद के 10 ठिकानाें पर छापेमारी कर आतंकी संगठन के एक मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है। छापेमारी में 11 लोगों को पकड़ा गया। इनमें से पांच को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि बाकी छह को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है। इन सभी की उम्र 20 साल के आसपास है। एनआईए ने स्थानीय पुलिस की मदद से पुराने हैदराबाद शहर में यह छापेमारी की। उनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटर, हथियार, 15 लाख रुपये कैश, लैपटॉप और स्मार्टफोन मिला है। एनआईए को शक है कि इन सभी के संपर्क सफी आरमार और जुनूद उल खलीफा उल हिंद से हैं।
देश में फैल रहा आईएस का जाल
-एनआईए के आईजी संजीव कुमार ने बताया कि खुफिया सूचना के आधार पर स्थानीय पुलिस की मदद से बुधवार सुबह पांच बजे छापेमारी की गई।
-एनआईए ने इस मामले में 22 जून को ही एक एफआईआर दर्ज किया था। इसके आधार पर ही पांच संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई है।
-गिरफ्तार संदिग्धों में मोहम्मद इलियास यजदी (अमान नगर, हैदराबाद), मोहम्मद इब्राहिम यजदी (अमान नगर), हबीब बरकस, मो. इरफान (चट्टा बाजार) और अब्दुल्ला बिन अहमद अलमुदि उर्फ फहद (चार मीनार) शामिल हैं।
-इलियास यजदी सॉफ्टवेयर इंजीनियर है जबकि उसका भाई इब्राहिम यजदी भी कंप्यूटर का अच्छा जानकार है।
-इन युवकों के पास से 15 लाख रुपये, 25 मोबाइल फोन, एक एयरगन, एयरगन की ट्रेनिंग के लिए टारगेट, बम बनाने के लिए नट बोल्ट, नाइट्रेट कैमिकल और आईईडी की बरामदगी हुई है।
-जनवरी, 2016 में भी एनआईए ने देश के अलग-अलग शहरों से आईएस से जुड़े 14 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से 2 हैदराबाद के थे।
-2015 में भी हैदराबाद से एक महिला अफशां सहित एक युवक सलमान को गिरफ्तार किया गया था।
-भारत में आईएस से जुड़ी किसी महिला की यह पहली गिरफ्तारी थी। अफशां पर आरोप है कि वह युवाओं को आईएस से जुड़ने के लिए प्रेरित करती थी।
सीरिया से मिल रहा था पैसा
आईबी ने एनआईए को जानकारी दी थी कि हैदराबाद के कुछ संदिग्ध सीरिया में आईएस के हैंडलर्स के कॉन्टैक्ट में हैं।
-इस जानकारी के आधार पर एनआईए ने जब इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस बढ़ाया तो उसके अफसर चौंक गए।
-आरोपी ज्यादातर वक्त सीरियाई हैंडलर्स के टच में बने रहते थे। ये लोग बाहर भी काफी कम आते थे।
-एनआईए इन पर चार महीने से नजर रख रही थी। पुख्ता सबूत मिलने के बाद ही इन्हें गिरफ्तार किया गया।
-भारत में किसी बड़े आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए इन्हें पैसे और हथियार मुहैया कराए गए थे।
निशाने पर थे धार्मिक स्थल, दंगा करवाने की थी योजना

-एनआईए के सूत्रों का कहना है कि ये संदिग्ध हैदराबाद में कई जगहों पर धमाके की फिराक में थे। उनकी पहली कोशिश सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और दंगा करवाने की थी।

-उनके निशाने पर शॉपिंग मॉल, धार्मिक स्थल भी थे। छापेमारी में जिस मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए हैं, उसे किसी भी बड़े प्लान को एग्जीक्यूट करने के लिए पर्याप्त माना जा रहा है।