वीजा पर सख्ती से हजारों भारतीय अमेरिका छोड़ने को मजबूर

नई दिल्ली।

डोनाल्ड ट्रंप सरकार की सख्ती की वजह से अमेरिका में रह रहे करीब 75 हजार भारतीयों को मुश्किल हो सकती है। लेकिन एच1बी वीजा पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सख्ती के बाद बड़ी संख्या में भारतीय कनाडा का रुख कर रहे हैं, क्‍योंकि वहां वीजा नियम आसान हैं।

एक अध्ययन में सामने आया है कि मेक्सिको, फेलिपिनो मूल के लोगों के बाद अमेरिका में भारतीय प्रवासियों की संख्या सबसे ज्यादा है। अमेरिका में भारतीय मूल के 16 लाख लोग हैं।

दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप सरकार एक ऐसे प्रस्ताव पर काम कर रही है जिससे अमेरिका में एच1बी वीजा पर रहकर ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे विदेशी उच्च श्रेणी के कुशल कारीगरों को बड़ा झटका लग सकता है। इनमें ज्यादातर भारतीय कामगार अमेरिकी कंपनियों में काम कर रहे हैं।

‘बाई अमेरिकन हायर अमेरिकन’ और ‘बाई अमेरिकन हायर अमेरिकन’ प्रस्ताव डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (डीएचएस) में इंटरनल मेमो के तौर पर जारी किया गया है। डीएचएस ही नागरिकता और अप्रवास को देखता है। उनका मकसद उन एच1बी वीजाधारकों के बारे में विचार करना है जिन्होंने स्थायी नागरिकता (ग्रीन कार्ड) के लिए आवेदन दिया हुआ है।

अगर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्थानीय अमेरिकी नागरिकों को नौकरी देने की नीति ‘बाई अमेरिकन हायर अमेरिकन’ पर वहां की सरकार आगे बढ़ती है तो ऐसा अनुमान है कि हजारों भारतीय एच1बी वीजाधारकों को वापस जाने को मजबूर किया जा सकता है। बड़ी तादाद में भारतीयों को अमेरिका छोड़ने पर मजबूर किया जाएगा।

सेन जोस में इमिग्रेशन वायस के एक अधिकारी ने बताया- अगर यह लागू कर दिया जाता है तो बड़ी तादाद में भारतीयों को अमेरिका छोड़ने को मजबूर किया जाएगा। उससे हजारों परिवारों के सामने संकट पैदा हो जाएगा। इमिग्रेशन वायस विचार कर रहा है कि जब इस बारे में फैसले की घोषणा की जाएगी तो उसके बाद इस फैसले के खिलाफ चुनौती दी जाएगी।

इस प्रस्ताव के बारे में सबसे पहले ख़बर देने वाले डीसी ब्यूरो के मैक क्लेची ने अपने सूत्रों के हवाले से बताया कि होमलैंड सिक्योरिटी ऑफिशियल्स की तरफ से कहा गया है कि योजना है कि हज़ारों भारतीय कुशल कारीगर खुद ही यहां से वापस चले जाएं ताकि अमेरिका के लोगों को लिए नौकरी बची रहे।

वीजा नियम आसान होने की वजह से अब आईटी प्रफेशनल कनाडा की कंपनियों में जॉब के लिए अप्लाई कर रहे हैं। इसकी वजह है कनाडा का नया फास्ट ट्रैक वीजा प्रोग्राम। इस वीजा प्रोग्राम के तहत अब हाई स्किल्ड वर्कर्स को 2 हफ्ते के अंदर वीजा देने का नियम है।

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