शक्ति परीक्षण में हरीश रावत ने बहुमत हासिल कर लिया है। दरअसल,, उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को  सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शक्ति परीक्षण कराया गया था। इसके नतीजे को एक सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में जमा कराया गया था।

यह लिफाफा बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में खोला गया। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ हरीश रावत के पक्ष में 33 विधायकों ने मतदान किया। फ्लोर टेस्ट में कुल 61 विधायकों ने मतदान किया था।

इस रिज़ल्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटाने का आदेश दे दिया है। इस फैसले के आते ही कांग्रेस विधायकों ने जश्न मानाने की शुरुआत कर दी है। कांग्रेस पार्टी इसे बड़ी जीत के रूप में देख रही है।

बता दें कि सदन में बहुमत परीक्षण के लिए मंगलवार सुबह 11 बजे से 1 बजे तक राष्ट्रपति शासन हटाया गया था। यह पूरी कार्यवाही केवल 55 मिनट में पूरी हो गई थी, जिसके बाद प्रमुख सचिव मतदान की पूरी रिपोर्ट और वीडियो रिकॉर्डिंग, कड़ी सुरक्षा के साथ दिल्ली ले गए थे। इस चुनाव में 61 विधायकों ने हाथ उठाकर अपने वोट दर्ज कराए। कांग्रेस के नौ विधायकों की बग़ावत के बाद केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था।

दूसरी ओर, उत्‍तराखंड मामले पर राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि हमने सबसे अच्‍छा किया। लोकतंत्र में बहुमत की जीत हुई है। जनता लोकतंत्र का मर्डर बर्दाश्‍त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि उम्मीद करता हूं कि प्रधानमंत्री इससे सबक सीखेंगे कि भारत के लोग और हमारे पूर्वजों की ओर से बनाई गई संस्थाएं लोकतंत्र की हत्या को बर्दाश्त नहीं करेंगी।

उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को हुए बहुप्रतीक्षित शक्ति परीक्षण के नतीजों में कांग्रेस जीत के प्रति पूरी तरह आश्‍वस्‍त थी। पहले से ही माना जा रहा था कि हरीश रावत ने इस शक्ति परीक्षण में बाजी मार ली है। प्रमुख सचिव (विधायी और संसदीय कार्य) जयदेव सिंह की निगरानी में करीब एक घंटे चली विधायकों के मतदान की प्रक्रिया को एक सीलबंद लिफाफे में उच्चतम न्यायालय भेजा था।