जातीय समीकरण साधने की उधेड़बुन में भाजपा

अहमदाबाद। गुजरात में जिस नाटकीय ढंग से सत्‍ता का हस्‍तांतरण हुआ, उससे यह साफ हो गया है कि भाजपा जातीय समीकरण साधने की उधेड़बुन में लंबे समय से लगी हुई थी। इस घटनाक्रम ने एक सवाल भी छोड़ दिया है कि प्रदेश में पटेल सत्‍ता से दूर रहेंगे या उन्‍हें सत्‍ता में उचित भागीदारी मिलेगी। हालांकि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दो बैठकों के बाद राज्य के मुख्यमंत्री की घोषणा की और कहा कि गुजरात को नितिन पटेल के रूप में एक उपमुख्यमंत्री भी मिलेगा। नितिन पटेल जिन्हें राज्य के मुख्यमंत्री के दावेदार के रूप में सबसे आगे देखा जा रहा था, वह शुक्रवार की सुबह से ही मिलने वाली इस ‘नई जिम्मेदारी’ से संबंधित इंटरव्यू भी दे रहे थे। गांधीनगर में रविवार को विजय रूपानी गुजरात के नए मुख्यमंत्री की शपथ लेंगे। 61 साल के रूपानी के लिए गुजरात की इस कुर्सी तक पहुंचना किसी ‘ड्रामे’ से कम नहीं रहा।

भाजपा के पांच अहम नेताओं के बीच हुई एक घंटे की बैठक ने कहानी में ट्विस्ट ला दिया। सूत्रों की मानें तो बैठक में आनंदीबेन पटेल ने नितिन पटेल का यह कहते हुए समर्थन किया कि विधानसभा चुनाव से पहले किसी पटेल या पाटीदार नेता को चुने जाने से उस समुदाय को खुश किया जा सकता है जो भाजपा सरकार से आरक्षण के मुद्दे पर नाराज़ है। वहीं अमित शाह ने रूपानी का नाम आगे किया क्योंकि पार्टी को चुनाव से पहले संगठनात्मक कुशलता वाले नेता की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में ज्यादातर सदस्य रूपानी को ही मुख्यमंत्री के रूप में देखते हैं।

मीटिंग में मामला गरमाता गया और सूत्रों की मानें तो आनंदीबेन ने शाह और राज्य में भाजपा प्रमुख रूपानी पर उनकी सरकार को ‘नाकाम’ करने का भी आरोप लगाया। बता दें कि आनंदीबेन ने इसी सप्‍ताह इस्तीफा दिया और अमित शाह के साथ उनकी अनबन की खबरें आती रही हैं। बैठक में गडकरी और वी सतीश और दिनेश शर्मा जैसे वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। शाह ने इसी दौरान काफी ज़ोर देकर कहा कि विजय रूपानी ही मुख्यमंत्री पद के लिए मुनासिब रहेंगे। उसके बाद पार्टी के अन्य सदस्यों से मुलाकात कर रूपानी के नाम की औपचारिक रूप से घोषणा कर दी गई।

यह अलग बात है कि भाजपा ने शाह और आनंदीबेन के बीच किसी भी असहमति की बात से इंकार किया है। गडकरी ने कहा, ‘किसी तरह की असहमति नहीं थी। आनंदीबेन ने रूपानी का नाम मुख्यमंत्री और नितिन पटेल का नाम उपमुख्यमंत्री पद के लिए सुझाया था। घोषणा के बाद नितिन पटेल ने किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं दी है।

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