असम के राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी ने करवाचौथ को बताया महापर्व

देब दुलाल पहाड़ी/ ओपिनियन पोस्ट
दिल्ली में जनकपुरी के दशहरा मैदान पर महिला जागृति सघं द्वारा करवाचौथ पूजा का भव्य आयोजन किया गया। इस मौके पर असम के नवनियुक्ति राज्यपाल प्रोफेसर जगदीश मुखी ने कहा कि करवाचौथ भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का महापर्व है। उन्होंने कहा कि देशविदेश में भारत के इस पर्व की बहुत चर्चा होती है। भारतीय मीडिया की वजह से करवाचौथ को ग्लोबल पहचान मिली है जो भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत मजबूत करती है। प्रोफेसर मुखी ने कहा कि करवाचौथ पूजा पति पत्नी के बीच खट्टे मिठे रिश्ते को और ज्यादा प्रगाढ़ करता है। इस मौके पर उनकी धर्मपत्नी श्रीमति प्रेम मुखी ने कहा कि सुहागिन महिलाओं को इस पर्व का पूरे साल इंतजार रहता है। इस दिन विवाहित महिलाएं सनातन भारतीय परंपरा के अनुसार व्रत रखती है और पति की लंबी उम्र की कामना करती है।
श्रीमति प्रेममुखी ने कहा कि करवाचौथ के ही त्योहारों का सिलसिला शुरू हो जाता है और अहोई अष्टमी, धनतेरस, दिपावली, भैयादूज और गोर्वधन पूजा का सिलसिला घर-घर में शुरू हो जाता है। श्रीमति प्रेम मुखी ने कहा कि उन्नीस साल पहले उन्हें करवाचौथ पूजा को सामूहिक तौर पर मनाने की विचार आया जिसके बाद महिला जागृति संघ ने बढ़चढ़ कर इस आयोजन को हर साल सफलता से मनाया। उन्होंने कहा कि करवाचौथ पूजा से पति पत्नी के खट्टे मिठे रिश्ते में कार्यक्रम के दौरान महिला जागृति संघ की अध्यक्षा श्रीमति पारुल मुखी ने कहा कि करवाचौथ पूजा केवल एक व्रत नहीं है बल्कि यह पति और पत्नी के बीच आपसी प्रेम, विश्वास और जीवन में आगे बढ़ने का एक अट्ट रिश्ता है। पति और पत्नी के बीच जो प्यार और भरोसा होता है वह आजीवन कायम रहता है जिससे घर परिवार में सुख समृध्दि का वास होता है। इस मौके पर सांसद प्रवेश वर्मा की धर्म पत्नी स्वाति वर्मा, महापौर कवलजीत सहरावत, सरिता जिंदल, उर्मिल चावला, वीणा शर्मा, सुश्री मधु कुमार,  हरप्रीत कौर दुग्गल, और डॉक्टर कमल सिंघल सामूहिक पूजा में हिस्सा लिया।
जनकपुरी के दशहरा मैदान में हर साल होने वाले करवा चौध पूजा का आयोजन महिला जागृति संघ व्दारा लगातार किया जाता है। आयोजन में सैकड़ो नवविवाहित जोड़ो सहित सैकड़ो विवाहित जोड़ों ने भी सामूहिक पूजा में विधि विधान के साथ हिस्सा लिया। महिला जागृति संघ व्दारा सामूहिक पूजा के लिए पंडाल में बेहद सुव्यवस्थित तरीके से पूजा की व्यवस्था की गई थी और पूजा के लिए तैतीस चक्र बनाएं गए थे। जहां सुहागिन महिलाओं ने पूरे विधि विधान के साथ कथा को सुना और पूजा की अन्य रस्मों को पूरा किया। कार्यक्रम में लगभग पांच हजार विवाहित महिलाओं ने करवाचौथ कथा को सुना और थाली बटावन की रस्म को निभाया। कार्यक्रम की शुरूआत गणेश वंदना से हुई और उसके बाद लगातार सांस्कृतिक कार्यक्रमों को प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमति  खंडेलवाल व्दारा किया गया।

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