अजय विद्युत

अनुसूचित जाति-जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के तमाम छात्रों को मेधावी होने के बावजूद आर्थिक विवशता के कारण अच्छे शिक्षा संस्थानों के कोर्सों में प्रवेश लेने से वंचित रह जाना पड़ता है। रिजर्व कैटेगरी एंड माइनॉरिटी इंडियन चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (आरसीमिक्की) की पहल पर मेवाड़ विश्वविद्यालय ऐसे एक हजार छात्रों को अपने यहां दाखिला देने को तैयार हो गया है। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने नई दिल्ली में बृहस्पतिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी।

अठावले से बताया कि इससे आरक्षित व अल्पसंख्यक वर्ग के प्रतिभावान बच्चों के भविष्य में निखार लाने का एक सुनहरा अवसर मिलेगा। अठावले आरसीमिक्की के संरक्षक भी हैं। उन्होंने बताया कि आरसीमिक्की अन्य विश्वविद्यालयों से भी बातचीत कर रहा है कि वे अपने यहां एक निश्चित संख्या में आर्थिक रूप से कमजोर किंतु प्रतिभावान छात्रों को नि:शुल्क दाखिला दें।

आरसीमिक्की और मेवाड़ विश्वविद्यालय के संचालकों के साथ हुए एमओयू के अनुसार विश्वविद्यालय इन छात्रों से हॉस्टल फीस को छोड़कर कोई अन्य शुल्क नहीं दिया जाएगा। आरक्षित व अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के विश्वविद्यालय द्वारा संचालित इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जाएगा- 1 इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी, 2 कंप्यूटर विज्ञान और सिस्टम अध्ययन, 3 जन और मीडिया संचार, 4 प्रबंधन और वाणिज्य, 5 विज्ञान प्रौद्योगिकी, 6 मनोविज्ञान और 7 व्यावसायिक विज्ञान, कौशल विकास और उद्यमिता अध्ययन पाठ्यक्रम।

रामदास अठावले ने कहा कि हालांकि इस काम को आरसीमिक्की कर रहा है लेकिन केंद्र सरकार और सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय इस अभियान को पूरा समर्थन और सहयोग प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों को कुशलता हासिल करने के बाद मंत्रालय की कई योजनाओं के माध्यम से भी मदद की जाएगी। केंद्र सरकार की नीति का जिक्र करते हुए अठावले ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का साफ मानना है कि हर एक को रोजगार मिलना चाहिए लेकिन केवल नौकरी के माध्यम से सबको रोजगार देना सरकार के लिए संभव नहीं है। इसीलिए कौशल विकास और छोटे तथा मझोले उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उद्योगों से ही रोजगार के अवसर पैदा होंगे। छोटे उद्योगों में आगे आकर लोग सरकारी योजनाओं से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ ले सकते हैं।