ओपिनियन पोस्ट
नई दिल्ली। पांच राज्यों के चुनावी नतीजों में बीजेपी को मिले प्रचंड बहुमत ने विपक्ष को बुरी तरह से बौखला दिया है । अभी तक विरोधी इसे हजम नहीं कर पा रहे हैं। नतीजों के दिन ही हार से बौखलाईं बीएसपी सुप्रीमों मायावती ने तो बीजेपी पर ईवीएम मशीन में गड़बड़ी कराए जाने के आरोप लगा दिए थे। बाद में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी उनके सुर में सुर मिलाते हुए यूपी चुनाव में ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगते हुए जाँच की मांग कर डाली । वहीं पंजाब और गोवा में बुरी तरह हार का सामना करने के बाद अब अरविंद केजरीवाल ने भी ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगा दिए हैं । केजरीवाल ने तो दिल्ली में होने वाले एमसीडी चुनाव में ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से वोटिंग कराए जाने की मांग कर दी है।
अरविंद केजरीवाल ने अपनी इस मांग को लेकर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है और पत्र में ये कहा है कि वो दिल्ली चुनाव आयोग को बैलेट पेपर से चुनाव कराने के निर्देश दें और इस बार का एमसीडी चुनाव ईवीएम से नहीं होना चाहिए। आम आदमी पार्टी ने पंजाब में हार के बाद ईवीएस पर सवाल उठाए थे।
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह भी कह चुके हैं कि अगर उत्तर प्रदेश में नगर पालिका और नगर पंचायत के चुनाव बैलेट पेपर से करवाए जा सकते हैं तो दिल्ली में भी नगर निगम चुनाव बैलेट पेपर से करवाए जा सकते हैं। ईवीएम में गड़बडियों से आशंकित केजरीवाल की दिल्ली सरकार नगर चुनावों में ईवीएम का रिस्क नहीं लेना चाहती और बैलेट पेपर से चुनाव कराना चाहती है। हालांकि चुनाव आयोग ने मायावती के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है।
बीजेपी का पलटवार
दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ईवीएम मामले पर केजरीवाल सरकार पर पटलवार किया है। उन्होंने कहा कि अगर अरविंद केजरीवाल को ईवीएम से होने वाली वोटिंग पर भरोसा नहीं हो तो अब दिल्ली विधानसभा की उन 67 सीटों पर भी पुनर्मतदान होना चाहिए जो उन्होंने चुनाव में जीतीं थीं।