नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में वर्ल्ड फूड इंडिया 2017 का तीन दिवसीय आयोजन संयुक्त रूप से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय और सीआईआई की ओर से किया गया। उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया। मेले का मकसद फूड इकोनॉमी में बदलाव लाना और भारत को ग्लोबल फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री का सोर्सिंग हब बनाकर किसानों की इनकम को दोगुना करना है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने कहा- ‘भारत की ताकत उसका एग्रीकल्चर है, जिसमें विविधता है, क्योंकि हमारे यहां कई तरह की फसलें होती हैं। फूड प्रोसेसिंग भारत में जीवन जीने का तरीका है।’

खिचड़ी को प्रमोट कर दुनिया भर में पहुंचाने के मकसद से विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए 918 किलो की खिचड़ी मशहूर शेफ संजीव कपूर की देखरेख में बनाई गई और योगगुरु बाबा रामदेव ने उसमें छौंक लगाई। इस अवसर पर केंद्रीय खाद्य व प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर व केंद्रीय खाद्य व प्रसंस्करण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति भी मौजूद रहीं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि नई दिल्ली में ‘विश्व खाद्य भारत सम्मेलन-2017’ ‘भारतीय व्यंजनों का कुंभ मेला’ साबित हुआ है। सम्मेलन में 60 से भी अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिनमें 60 वैश्विक कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी शामिल थे। इस अवसर पर पेप्सीको ने दोहराया कि अपने सहयोगियों के साथ यह खाद्य और पेय संयंत्र की स्थापना के लिए पांच साल में 13,300 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। प्रतिद्वंद्वी कोका कोला जूस बॉटलिंग बुनियादी ढांचे, फलों के प्रसंस्करण संयंत्रों और उपकरणों के लिए 11,000 करोड़ रुपये देगा। एकजुट आईटीसी और एफएमसीजी प्रमुख पतंजलि ने खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय से 10,000 करोड़ रुपये के निवेश के लिए हस्ताक्षर किए। आईटीसी 20 एकीकृत खाद्य प्रसंस्करण और रसद सुविधाओं की स्थापना करना चाहता है।

नेस्ले निदेशक बोर्ड के अध्यक्ष, पॉल बॉल्के ने कहा कि दुर्लभ प्राकृतिक संसाधनों की बढ़ती आबादी और बढ़ती खाद्य मांग की चुनौतियों के बीच कृषि की क्षमता में निवेश करने के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए। आईटीसी के सीईओ संजीव पुरी ने कहा, ‘भारत का खपत बाजार 2025 तक चार ट्रिलियन डॉलर तक का अनुमान लगाया गया है ताकि खाद्य उत्पादों में आने वाले खर्चों में बढ़ोतरी हो।’ यूनिलीवर के वैश्विक अध्यक्ष अमांडा शोररी ने कहा कि दुनिया भारत की ओर देख रही है। भारत में समृद्ध कृषि संसाधन प्रसंस्करण उद्योग को यहां बढ़ाने का एक बेहतरीन अवसर उपलब्ध कराते हैं। हिंदुस्तान यूनिलीवर के सीईओ संजीव मेहता ने कहा, ‘भारत सबसे आकर्षक बाजारों में से एक है।’ मेट्रो एजी सीओओ पाटर बूने ने कहा कि हालिया नीतिगत फैसलों में निवेश करने में आसानी के साथ-साथ व्यापार करने में आसानी होगी और जीएसटी आर्थिक माहौल में सकारात्मक ओवरहाल चला रहे हैं।

टाटा इंटरनेशनल के एमडी नोएल टाटा ने कहा कि वर्तमान में एमएसएमई के वर्चस्व वाले खाद्य प्रसंस्करण के पैमाने को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण नए निवेश की आवश्यकता है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत बुनियादी ढांचा, परिवहन, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में वैश्विक निवेशकों के लिए ‘सुनहरे अवसर’ प्रदान करता है। कार्यक्रम में 50 एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए गए, जो 19 अरब डॉलर की निवेश प्रतिबद्धता के साथ संपन्न हुआ। कई प्रतिभागियों ने स्वीकार किया कि इससे भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल के मुताबिक, इस निवेश में निजी क्षेत्र द्वारा 11.25 अरब डॉलर मूल्य की प्रतिबद्धता शामिल है। तीन दिवसीय समारोह में 60 देशों के 10,000 भागीदार और 50 वैश्विक सीईओ आए। इसके अलावा, 8,000 से अधिक व्यापार से व्यापार (बी 2 बी) और व्यापार सरकार (बी 2 जी) की बैठकों का आयोजन किया गया। आंध्र प्रदेश सरकार ने प्रदर्शनी में भाग लिया था। एपी सरकार ने विश्व प्रसिद्ध खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों के साथ 15 एमओयू हस्ताक्षरित किया है जिसका मूल्य 4000 करोड़ रुपये है।

—देब दुलाल पहाड़ी