टीम इंडिया के मुख्य कोच पद से अनिल कुंबले के इस्तीफा देने के बाद कप्तान विराट कोहली से उनकी तनातनी परत दर परत खुलती जा रही है। यह बात तो बहुत पहले ही सामने आ गई थी कि जब कुंबले का इस पद के लिए चयन हुआ था तो कोहली इसके पक्ष में नहीं थे मगर बीसीसीआई के समझाने पर कोहली कुबंले के साथ एक साल तक काम करने को तैयार हो गए थे। मगर अब यह बात सामने आ रही है कि कोहली सहित टीम इंडिया के कई वरिष्ठ खिलाड़ी कुंबले की सख्ती से परेशान थे। कुंबले ने अपने इस्तीफे के बाद सोशल मीडिया पर बयान देकर इस बात की पुष्टि भी कर दी है कि कप्तान को उनका स्टाइल पसंद नहीं था।

इसके साथ ही यह बात भी सामने आ रही है कि दरअसल कोहली रवि शास्त्री जैसा कोच चाहते हैं जिनके बारे में यह कहा जाता रहा है कि वे खिलाड़ियों को काफी छूट देते हैं। कुंबले के मुख्य कोच बनने से पहले रवि शास्त्री ही टीम इंडिया से डायरेक्टर के रूप में जुड़े थे जिनसे कोहली की खूब छनती थी। इस बीच यह खबर भी सामने आ रही है कि बीसीसीआई ने मुख्य कोच पद के लिए और आवेदन मंगाए हैं। बोर्ड ने इसके पीछे तर्क दिया है कि इससे क्रिकेट सलाहकार समिति, जिसमें सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण जैसे दिग्गज शामिल हैं, को उपयुक्त उम्मीदवार चुनने के लिए ज्यादा विकल्प मिल सकेंगे। पहले जो आवेदन मंगाए गए थे उसमें वीरेंद्र सहवाग सहित पांच लोगों ने आवेदन किया है।

पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने टीम इंडिया के खिलाड़ियों से नाराजगी जताते हुए कहा है कि खिलाड़ी कभी यह नहीं कह सकते कि मुझे ये कोच चाहिए। खिलाड़ियों की मांग गलत है। खिलाड़ियों को अनुशासन में होना चाहिए। गावस्कर ने कहा कि जो खिलाड़ी कोच की शिकायत करता है उसे टीम से बाहर कर देना चाहिए। कोच खिलाड़ियों को मैच के लिए तैयार करता है। जिस तरह से भारतीय टीम ने पिछले एक साल में प्रदर्शन किया है, उसे लेकर सवाल नहीं उठाया जा सकता। इतिहास दिखाता है कि जब भी कोच ने सख्ती बरती, उसके साथ अनबन की खबरें जरूर मीडिया में छाई रहीं। उन्होंने कहा कि अगर आप अनिल कुंबले के कोच बनने के बाद से भारतीय टीम के प्रदर्शन पर नजर दौड़ाएं तो पाएंगे कि उनके खेल में जबरदस्त सुधार हुआ। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में काम करते हुए टीम को मजबूत किया ठीक वैसे ही जैसे वह अपने समय में खेल के मैदान पर अंतिम समय तक संघर्ष किया करते थे। यही वह चीज थी जो भारतीय टीम में दिखाई दी।

कुंबले क्यों नहीं थे पसंद

दरअसल कुंबले ने हमेशा पेशेवराना अंदाज, अनुशासन, प्रतिबद्धता और ईमानदारी को तरजीह दी। वो हमेशा प्रैक्टिस पर जोर देते थे और इसमें किसी तरह की कोताही बरतने पर खिलाड़ियों को लताड़ लगाने से नहीं चूकते थे। यही बात कोहली और अन्य खिलाड़ियों को पसंद नहीं थी। चैंपियंस ट्राफी के फाइनल में पाकिस्तान से मिली करारी मात के बाद भी उन्होंने कई खिलाड़ियों की क्लास लगाई थी।

कुंबले ने क्या कहा

इस्तीफा देने के बाद अनिल कुंबले ने कहा है कि कप्तान विराट कोहली को मेरे स्टाइल से ‘ऐतराज’ था। सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ट्विटर पर शेयर किए गए अपने बयान में कुंबले ने लिखा है, ‘मैं सीएसी द्वारा कोच पद पर बने रहने के लिए मुझमें दिखाए गए विश्वास से सम्मानित महसूस कर रहा हूं. पिछले एक साल की सफलता का श्रेय कप्तान और पूरी टीम, कोचिंग और सपोर्टिंग स्टाफ को जाता है। मुझे बीसीसीआई द्वारा कल पहली बार सूचित किया गया कि कप्तान को मेरे ‘स्टाइल’ और मुख्य कोच के तौर पर काम जारी रखने से ‘ऐतराज’ है। मैं हैरान था क्योंकि मैंने हमेशा से कप्तान और कोच के बीच की सीमाओं का पालन किया। हालांकि बीसीसीआई ने कप्तान और मेरे बीच की गलतफहमी को दूर करने के प्रयास किए लेकिन ये स्पष्ट था कि साझेदारी निभने वाली नहीं थी। इसलिए मुझे लगा कि ये आगे बढ़ने का सही समय है।’

उन्होंने लिखा है, पिछले एक वर्ष के दौरान टीम इंडिया के मुख्य कोच के तौर पर काम करना बहुत ही विशेष रहा है। मैं सीएसी, बीसीसीआई, सीओए और सभी संबंधित पक्षों का शुक्रिया अदा करता हूं। साथ ही मैं असंख्य अनुयायियों और भारतीय क्रिकेट के फैंस को उनके समर्थन के लिए शुक्रिया अदा करता हूं। मैं अपने देश के महान क्रिकेट पंरपराओं का हमेशा ही शुभचिंतक बना रहूंगा।’

इस बीच टीम इंडिया इंग्लैंड से बिना कोच के ही वेस्टइंडीज दौरे के लिए रवाना हो गई, जहां उसे 23 जून से पांच वनडे और एक टी20 मैच की सीरीज खेलनी है। वेस्टइंडीज में टीम इंडिया को बैटिंग कोच संजय बांगर संभाल सकते हैं लेकिन श्रीलंका के साथ होने वाली आगामी सीरीज के लिए रेगुलर कोच की जरूरत होगी। अब देखना है कि टीम इंडिया के कोच की कमान किसे मिलती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं।