ओपिनियन पोस्ट
सिक्किम और भूटान में सीमा विवाद को लेकर चीन ने एक बार फिर भारत को धमकाया है। चीन ने यह धमकी अपने सरकारी मीडिया के जरिए दी है। सरकारी मीडिया की ओर से जारी एक लेख प्रकाशित में कहा गया है कि अपनी सीमा की रक्षा के लिए चीन जंग के हद तक भी जाने को तैयार है। आज चीन के एक रणनीतिक विशेषज्ञ के बयान के आधार पर ये लेख प्रकाशित किया गया है। इस धमकी के बाद दोनों देशों के बीच तनाव ओर बढ़ सकता हैं।
ग्लोबल टाइम्स के इस लेख में कहा गया- चीन किसी भी हद तक जाकर अपनी सीमा की रक्षा करेगा। भारतीय सेना के साथ हितों के टकराव के बीच अगर जंग की जरूरत पड़ी तो वो भी मंजूर है। बता दें कि इस पेपर का प्रकाशन पीपुल्स डेली की ओर से किया जाता है। चीन में मीडिया सरकारी है और ऐसे बयानों को सीधे सरकार की नीति और फैसले से जोड़कर ही देखा जाता है।

जेटली के बयान पर चीन का पलटवार
चीन ने सीमा विवाद ही नहीं बल्कि पिछले दिनों रक्षा मंत्री अरुण जेटली के बयान का जवाब भी दिया है। चीन के इस मीडिया ने शंघाई म्युनसिपल सेंटर ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के प्रोफसर वेंग देहउ को कोट करते हुए कहा है- हम भी 1962 से बहुत अलग हैं। अगर दोनों देशों के बीच मौजूदा विवाद को नहीं संभाला गया तो जंग जैसे हालात बन सकते हैं। बता दें कि पिछले दिनों इंडिया टुडे-आज तक जीएसटी कॉन्क्लेव में जेटली ने कहा था – चीन को यह समझना चाहिए कि यह 1962 वाला भारत नहीं है। बता दें कि 1962 में दोनों देशों के बीच जंग हुई थी और भारत को हार का सामना करना पड़ा था।

जेटली ने कहा था
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पर रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने चीन का करारा जवाब दिया था। जेटली ने कहा था कि भूटान ने बयान दिया है कि जहां चीन सड़क का निर्माण कर रहा है वह जमीन भूटान की है और भूटान और भारत के बीच सुरक्षा संबंध हैं। इसलिए हमारी सेना वहां पर हैं। चीन की ओर से 1962 की याद दिलाने पर जेटली ने कहा कि 1962 के हालात अलग थे, और आज के हालात अलग हैं। हमें इस बात को समझना होगा।
धमकी के बीच बातचीत की भी वकालत
हालांकि, इसी लेख में बातचीत को आगे बढ़ाने की भी वकालत की गई है। चीनी विद्वान झोओ गांचेंग के हवाले से कहा गया है- दोनों देशों को हितों और जंग की जगह बात आगे सुलझाने को लेकर ध्यान देना चाहिए। दोनों देशों के बीच विवाद से किसी और देश को इसका फायदा उठाने का मौका मिल जाएगा। खासकर अमेरिका जैसे देश को। भारत को चीन के प्रति अपना नजरिया बदलने की जरूरत है। मधुर संबंध दोनों देशों के लिए हितकारी हैं।

क्‍या है ताजा विवाद?
सिक्किम-भूटान और तिब्‍बत का मीटिंग पॉइंट कहे जाने वाले डोका ला क्षेत्र में चीन सड़क निर्माण करने की कोशिश कर रहा है जिस पर भारत को आपत्ति है। इस सड़क का निर्माण वह भूटान के डोका ला पठार में कर रहा है।
इस क्षेत्र के अधिकार को लेकर चीन और भूटान के बीच विवाद है। चीन इस क्षेत्र को डोंगलांग कहता है और प्राचीन काल से अपना हिस्‍सा बताता है। इसीलिए अपनी सेना के गश्‍ती दल को वहां भेजता रहता है। असल में चीन की मंशा अपने क्षेत्र के डोंगलांग से भूटान के डोका ला तक इस सड़क निर्माण से दक्षिण तिब्‍बत स्थित चुंबी घाटी तक अपनी पैठ को बढ़ाना है।
इसके अलावा सीमा में दाखिल होने का आरोप भारत के माथे मढ़ कर चीन पूरी दुनिया के आगे बीते कई दिनों से शोर मचा रहा है। यहां तक कि अपने आरोपों को सच बताने के लिए चीनी विदेश मंत्रालय ने कुछ तस्वीरें भी जारी की हैं जिसके जरिए वह भारतीय सैनिकों के घुसपैठ का दावा कर रहा है। मगर चीन के इन दावों ने कलई भूटान सरकार ने खोल दी। साथ ही साफ कर दिया कि भारतीय सेना ने कोई घुसपैठ नहीं की बल्कि चीनी आक्रामक कार्रवाई से एक छोटे मुल्क भूटान को बचने के लिए कदम उठाया है।