केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों में बदलाव को सार्वजनिक कर दिया है। इसके तहत महानगरों में रहने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को न्यूनतम 5400 रुपये आवास भत्ता (एचआरए) दिया जाएगा। 28 जून को केंद्रीय कैबिनेट ने 34 भत्तों में संशोधन को अपनी मंजूरी दे दी थी। शुक्रवार को वित्त मंत्रालय ने संशोधित प्रस्ताव को सार्वजनिक किया। यह पहली जुलाई से ही लागू होगा। इससे सरकार के खजाने पर कुल 30,748 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।

वित्त मंत्रालय की आेर से सार्वजनिक की गई भत्तों की सूची के अनुसार, सरकारी कर्मचारियों को केंद्र की आेर से तीन स्लैब 5400 रुपये प्रतिमाह, 3600 रुपये प्रतिमाह आेर 1800 रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा। इसके तहत 50 लाख से अधिक आबादी वाले एक्स श्रेणी वाले शहरों में रहने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को 30 फीसदी एचआरए यानी न्यूनतम 5400 रुपये प्रति महीने, पांच से 50 लाख तक की आबादी वाले शहरों में रहने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को 20 फीसदी की दर से 3600 रुपये आैर पांच लाख से नीचे की आबादी वाले शहरों में रहने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को 10 फीसदी की दर से 1800 रुपये का आवास भत्ता दिया जाएगा।

इसके अलावा एक्स, वार्इ और जेड श्रेणी के शहरों में केंद्रीय कर्मचारियों को क्रमशः 27 फीसदी, 18 फीसदी आैर 9 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता (डीए) दिया जाएगा। नई दरों के हिसाब से जब किसी सरकारी कर्मचारी का डीए उसके मूल वेतन का 25 फीसदी तक पहुंचेगा तो उसे अलग-अलग श्रेणी के शहरों के लिए आवास भत्ता क्रमशः 27, 18 और 9 फीसदी की दर से मिलेगा। इसी प्रकार जब किसी सरकारी कर्मचारी का डीए मूल वेतन का 50 फीसदी तक पहुंचेगा तो उसे अलग-अलग श्रेणी के शहरों के लिए आवास भत्ता 30, 20 और 10 फीसदी की दर से मिलेगा। निचले स्तर के कर्मचारियों के लिए एक आधार तय किया जाएगा। उनका आवास भत्ता उसी के आधार पर तय होगा।

जिन अन्य भत्तों में बदलाव किया गया है उनमें दैनिक भत्ता, अवकाश प्रतिपूर्ति भत्ता, मकान किराया भत्ता जैसे कई अहम भत्ते शामिल हैं। सीओए की सिफारिश में ब्रेकडाउन भत्ता, साईकिल भत्ता, अंतयेष्टि भत्ता, जोखिम भत्ता जैसे कई भत्तों को समाप्त करने की सिफारिश की गई थी जिसे सरकार से बरकरार रखा है।