चिंकारा शिकार मामले में राजस्थान सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है, सलमान खान को बरी किए जाने को लेकर सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है

बता दें कि  1998 में काला चिंकारा शिकार मामले का अहम गवाह हरीश दुलानी के सामने आने के बाद राजस्थान सरकार ने ऐलान किया था कि वह इस मामले में जोधपुर हाईकोर्ट के सलमान को बरी करने के आदेश को चुनौती देगी। साथ ही राज्य सरकार ने यह फैसला भी किया था कि हरीश दुलानी की सुरक्षा भी करेगी और उसे 24 घंटे सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।

बता दें कि कुछ महीने पहले सलमान खान के इस केस के अहम गवाह दुलानी सामने आए थे। उन्होंने बताया था कि यदि परिवार की सुरक्षा की गारंटी दी जाए तो वह अपना बयान दे सकता है। उन्होंने एक बार फिर बताया था कि सलमान खान के चिंकारा के शिकार करने वाले दिन वही गाड़ी चला रहा था।

दुलानी ने बताया था कि सलमान ने काला चिंकारा देखकर बंदूक निकाली। उन्‍होंने पहला फायर किया, लेकिन वह (चिंकारा) बच गया। उसके बाद उन्‍होंने दूसरा फायर किया और चिंकारा गोली लगने से घायल हो गया। वह गाड़ी से उतरकर गए और चाकू से उसका गला रेत दिया।

इस मामले में दुलानी ने कहा था कि मेरे पिता को धमकियां मिल रही थीं इसलिए मैं जोधपुर छोड़कर निकटवर्ती इलाके में चला गया था। यदि मुझे पुलिस संरक्षण मिला, तो मैं अपना बयान दे सकता हूं। मैं अभी भी अपने पूर्ववर्ती बयान पर कायम हूं कि उस चिंकारे को सलमान खान ने ही मारा था।

इससे पहले गवाह के अभाव में राजस्‍थान हाई कोर्ट ने निचली अदालत के उस फैसले को खारिज कर दिया था, जिसमें अभिनेता को पांच साल की सजा सुनाई गई थी। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि यह बात साबित नहीं होती कि चिंकारे को सलमान ने अपनी लाइसेंसी गन से ही मारा था।

2006 में सलमान खान को चिंकारा मामले में निचली अदालत ने पांच साल की सजा सुनाई थी। उन्‍होंने एक सप्‍ताह जोधपुर की जेल में भी बिताए थे और उसके बाद उनको जमानत मिल गई थी।