गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस और राकांपा का हंगामा

मुंबई ( संवाददाता )। महाराष्ट्र सदन घोटाले के मामले में एनसीपी नेता और राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार देर रात गिरफ्तार कर लिया । इससे पहले ईडी ने उनसे 11 घंटे लंबी पूछताछ की। आज उन्हें अदालत के सामने पेश किया जाएगा।
छगन भुजबल सोमवार को कड़ी सुरक्षा के बीच दिन में साढ़े 11 बजे दक्षिण मुंबई के बलार्ड पीर में ईडी के कार्यालय पहुंचे थे । ईडी के कार्यालय में घुसने से पहले भुजबल ने कहा था, ‘यह राजनीतिक प्रतिशोध है। सत्य सामने आएगा। मैं ईडी के साथ सहयोग करूंगा।’ ईडी कार्यालय के बाहर जमा बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए, जबकि किसी भी अप्रिय घटना को टालने के लिए निषेधाज्ञा लागू की गई थी।
महाराष्ट्र सदन घोटाले के मामले में छगन के भतीजे और पूर्व सांसद समीर भुजबल की पहले ही गिरफ्तारी हो चुकी है। यही नहीं, पिछले महीने ईडी ने उनके बेटे पंकज भुजबल से लंबी पूछताछ की थी।
गौरतलब है कि प्रवर्तन निदेशालय ने मामले की जांच के संबंध में महाराष्ट्र के पूर्व लोक निर्माण मंत्री भुजबल को 14 मार्च को तलब किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज किया था, जिसमें भुजबल और उनके कुछ सहयोगियों तथा पूर्व मंत्री के पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके भतीजे समीर का नाम शामिल है। पिछले महीने गिरफ्तार समीर ऑर्थर रोड जेल में बंद है।
प्रवर्तन निदेशालय ने इसी मामले में पिछले माह भुजबल के पुत्र पंकज से भी पूछताछ की थी। एजेंसी ने महाराष्ट्र सदन निर्माण घोटाले और कलीना भूमि हड़पने से संबंधित मामले की जांच के लिए भुजबल परिवार से जुड़े लोगों और अन्य के खिलाफ मुंबई पुलिस की प्राथमिकियों के आधार पर धन शोधन रोकथाम कानून के प्रावधानों के तहत दो प्राथमिकी दर्ज की थीं। मामले में करीब 280 करोड़ रुपये मूल्य की तीन संपत्तियों को कुर्क करने के आदेश भी आए हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने भुजबल, पंकज, समीर और कुछ अन्य लोगों से संबंधित नौ परिसरों पर दो बार छापे मारे थे।
मंगलवार को विपक्षी कांग्रेस और राकांपा सदस्यों ने राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल की गिरफ्तारी पर विरोध जताते हुए हंगामा किया। कांग्रेस और राकांपा के विधायकों ने भुजबल की गिरफ्तारी के विरोध में विधानभवन के मुख्य द्वार की सीढ़ियों पर धरना दिया। विपक्षी विधायकों के हाथों में तख्तियां थीं जिसमें सरकार विरोधी नारे लिखे थे। इन विधायकों ने भुजबल की गिरफ्तारी को राजनीतिक प्रतिशोध बताते हुए नारे लगाए।
एनसीपी ने वरिष्ठ पार्टी नेता छगन भुजबल की गिरफ्तारी को बीजेपी की प्रतिशोध की राजनीति करार दिया और कहा कि उनकी गिरफ्तारी की जरूरत नहीं थी क्योंकि वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ सहयोग कर रहे थे।
एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि यह बीजेपी की प्रतिशोध की राजनीति है। उनको गिरफ्तार करने की जरूरत नहीं थी क्योंकि वह ईडी के साथ सहयोग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय बिना उनको गिरफ्तार किए आरोपपत्र दाखिल कर सकता था। यह बीजेपी शासन की सोच को दिखाती है।