बाबा रामदेव ने उठाए सवाल, बंद नोटों से ज्यादा कैसे हो गए जमा

नोटबंदी के तरीके और क्रियान्वयन को लेकर सवाल उठा रहे लोगों में इस फैसले का समर्थन कर चुके बाबा रामदेव भी अब शामिल हो गए हैं। रिजर्व बैंक पर बड़ा हमला बोलते हुए उन्होंने सवाल उठाए हैं कि बंद हुए नोटों की तुलना में ज्यादा नोट बैंकों में कैसे जमा हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि रिजर्व बैंक बड़ा घोटाला कर नोटों की डबल सीरीज छाप रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नोटबंदी से 3-5 लाख करोड़ रुपये का घोटाला सामने आएगा। नोटबंदी से लोगों को हो रही परेशानी के बारे में उन्होंने कहा कि कुछ चीजों का सुधारा जा सकता था।

एक इंटरव्यू में रामदेव ने कहा कि आरटीआई (सूचना के अधिकार) से पता चला था कि कुल 13.5 लाख करोड़ रुपये के 500-1000 के नोट थे। उनमें से करीब पांच लाख करोड़ रुपये पहले से ही बैंको में थे। नोटबंदी के बाद अब तक करीब 13 से 14 लाख करोड़ रुपये बैंकों में जमा हो चुके हैं तो फिर बैंको के पास जो पांच लाख करोड़ रुपये पहले से थे वो क्या थे। उन्होंने कहा कि इससे लग रहा है कि पहले नोटों के डबल सीरीज छपे थे। अभी जो नकदी पकड़ी जा रही है, वह डबल सीरीज में छपे नोट हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब आरबीआई के लोग ही इस गड़बड़ी में शामिल हों तो भला किस पर भरोसा किया जाए। यह हमारे सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है। साथ ही यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने आरोप लगाया कि कई बैंक भी इसमें शामिल हैं। उन्होंने 20-30 करोड़ रुपये कमीशन लेकर कई लोगों के 100-100 करोड़ रुपये के पुराने नोट बदल दिए। उन्होंने कहा कि मेरे हिसाब से बैंकों ने इस प्रक्रिया में करोड़ों रुपए बना लिए। नरेंद्र मोदी जी ने भी इतना नहीं सोचा होगा कि बैंक वाले इतने बेइमान निकलेंगे। उन्होंने कहा कि कैश सप्लाई की कमी नहीं थी मगर बैंकों ने सारा कैश बेईमान लोगों को दे दिया। कालाधन खत्म करने के लिए हमने तीन बातें कही थीं। पहला यह कि सारी बड़ी करेंसी बंद हो, कैशलेस सिस्टम हो ,ट्रांजेक्शन टैक्स लगे और बैंकिंग सिस्टम को पारदर्शी बनाया जाए। हमारी सिर्फ एक बात मानी गई। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था तभी साफ होगी जब तीनों एक साथ लागू किया जाएगा।

इससे पहले नोटबंदी के फैसले पर बाबा रामदेव ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक फैसला लिया है। इससे कालेधन पर लगाम तो लगेगा ही साथ ही आर्थिक और राजनीतिक अपराध पर भी नकेल कसने में आसानी होगी। विरोधियों को इस फैसले पर नुक्ताचीनी न करने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा था कि सभी को देश के लिए एकजुट होना चाहिए। मगर अब उनके सुर बदले हुए हैं।

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