सुनील वर्मा
टेरर फंडिंग के आरोप में 7 अलगाव वादी नेताओं की गिरफ्तारी के 24 घंटे बाद ही कश्मीर के अलगाववादी नेता शब्बीर शाह को भी श्रीनगर में गिरफ्तार कर लिया गया है उन्हें दिल्ली लाया जा रहा है। हालाँकि शाह को एक दशक पुराने मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है। लेकिन अलगाव वादी नेताओं की टेरर कनेक्शन में ताबड़तोड़ गिरफ्तारी बताती है की मोदी सरकार अब आतंक के मददगारों को बख्शने के मूड में नहीं है। एनआईए के हुर्रियत के 7 नेताओं को गिरफ्तार करने के बाद शब्बीर शाह की गिरफ्तारी एक बड़ी कामयाबी है।
बता दें की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को कश्मीरी अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह के अलावा फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, नईम खान, शाहिद-उल-इस्लाम, मेहराजुद्दीन, अयाज अकबर और पीर सैफुल्ला समेत सात नेताओ को गिरफ्तार किया गया बाद में इन सभी को दिल्ली लाकर कोर्ट में पेशी के बाद 10 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। अलगाववादी संगठनों के नेताओं की गिरफ़्तारी पाकिस्तान से टेरर फंडिंग मामले में हुई है ।
शाह के मामले में परिवर्तन निदेशालय ने शाह को कई बार समन भेजे थे पर वह कभी भी पेश नहीं हुआ। दिल्ली की अदालत में इस महीने की शुरुआत में शाह के खिलाफ नॉन बेलेबल वॉरंट जारी किया गया था।
एजेंसी ने पिछले सालों में शाह को कई समन भेजे थे क्यूंकि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हवाला डीलर मुहम्मद असलम वानी को गिरफ्तार कर लिया था। और उसने बताया था कि उसने शाह तक 2.25 करोड़ रुपये पहुंचाए हैं। शाह ने तब इसे राजनीति से प्रेरित मामला बताया था।
इडी ने शाह और वानी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट के तहत क्रिमिनल केस दायर किया था। श्रीनगर से पकड़े गए वानी ने दावा किया था कि उसने पिछले साल के दौरान शाह और उसके परिजनों को कई किस्तों में 2.25 करोड़ रुपये दिए थे। इसी कड़ी में कल उनकी गिरफ़्तारी हुई है। उसे आज दिल्ली लाकर कोर्ट में पेश किया जा सकता है ।