अाेपिनियन पाेस्ट ।
जोधपुर अदालत ने यूपी के शाहजहांपुर की नाबालिग युवती से बलात्कार के मामले में बुधवार को आसाराम को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एक साल के भीतर यह दूसरा मामला है जब किसी स्वयंभू बाबा को बलात्कार के मामले में दोषी करार दिया गया है। पिछले साल अगस्त में गुरमीत राम रहीम को भी यौन उत्पीड़न के मामले में दोषी करार दिया गया था।

यौन उत्पीड़न, मुख्यतौर पर नाबालिग से बलात्कार करने के बिंदुओं पर जिरह के बाद विशेष न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा ने जोधपुर सेंट्रल जेल परिसर में अपना फैसला सुनाया। 77 वर्षीय आसाराम जेल में चार से अधिक साल से बंद है। अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति मामलों की विशेष अदालत ने दो अन्य आरोपियों शिल्पी और शरद को भी दोषी करार दिया जिन्हें 20-20 साल की सजा दी  और अन्य दो प्रकाश और शिव को रिहा कर दिया।
LIVE : आसाराम को ताउम्र रहना होगा जेल में, अन्‍य दो को 20-20 साल की सजा
बता दें कि दोषी ठहराए गए शरतचंद्र और शिल्पी जमानत पर जेल से बाहर थे, इसके अलावा बरी किए गए शिवा को भी बेल मिल गई थी लेकिन प्रकाश ने आसाराम की जेल में सेवा करने के मकसद से बेल ही नहीं ली थी। आसाराम पर एससी-एसटी ऐक्ट और पॉक्सो ऐक्ट समेत 14 धाराओं में केस चल रहा था।
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पॉक्सो ऐक्ट के तहत आसाराम को आजीवन कारावास की सजा हो गई है। इससे पहले कानूनी जानकारों ने संभावना जताई थी कि आसाराम की उम्र काफी अधिक (78 साल) है, ऐसे में उन्हें 10 साल तक की जेल हो सकती है। हालांकि कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी। अदालत के आदेश के बाद आसाराम के प्रवक्ता नीलम दुबे ने कहा, ‘हम इस पर अपनी लीगल टीम से बातचीत करेंगे और भविष्य की कार्रवाई पर विचार करेंगे। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है।’ आसाराम पर फैसला सुनाने के लिए जोधपुर की सेंट्रल जेल में ही विशेष अदालत लगाई गई थी। फैसले के दौरान दंगा नियंत्रण फोर्स ने पूरे जोधपुर शहर में फ्लैग मार्च किया ताकि किसी भी तरह के उपद्रव को टाला जा सके।

बता दें कि गुरमीत राम रहीम पर फैसला सुनाए जाने के बाद पंचकूला में उनके समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया था, इससे सबक लेते हुए ही राजस्थान सरकार पूरी तरह अलर्ट है। इस मामले में आसाराम के अलावा उनके प्रमुख सेवादार शिवा उर्फ सवाराम, प्रकाश द्विवेदी (आश्रम का रसोइया), शिल्पी उर्फ संचिता गुप्ता, शरदचंद्र उर्फ शरतचंद्र भी आरोपी थे। इस बीच शाहजहांपुर में पीड़िता के परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

ससे पहले 7 अप्रैल को विशेष जज मधुसूदन शर्मा की अदालत ने मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला 25 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। राजस्थान हाई कोर्ट ने निचली अदालत को जोधपुर सेंट्रल जेल परिसर में फैसला सुनाने का आदेश दिया था। साबरमती नदी के किनारे एक झोंपड़ी से शुरुआत करने से लेकर देश और दुनियाभर में 400 से अधिक आश्रम बनाने वाले आसाराम ने चार दशक में 10,000 करोड़ रुपये का साम्राज्य खड़ा कर लिया था।

आसाराम पर जोधपुर के मनाई गांव में स्थित उसके आश्रम में रहने वाली छात्रा ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इस मामले समेत कई अन्य केसों में आरोपी आसाराम 31 अगस्त, 2013 से ही जेल में बंद है। पीड़ित युवती के दलित एवं नाबालिग होने के चलते आसाराम पर एससी-एसटी ऐक्ट और पॉक्सो ऐक्ट लगाया गया था।

12 बार खारिज हुई बेल, 30 वकील फेल

आसाराम के खिलाफ सूरत में भी रेप का एक मामला चल रहा है। इसी महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अभियोजन पक्ष को 5 सप्ताह के भीतर ट्रायल पूरा करने का आदेश दिया था। बता दें कि सितंबर, 2013 से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद आसाराम ने निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक 12 बार जमानत याचिकाएं दाखिल कीं, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। राम जेठमलानी, सुब्रमण्यन स्वामी और सलमान खुर्शीद जैसे तमाम वकील भी उन्हें जेल से बेल नहीं दिला सके। अब दोषी करार दिए जाने के बाद आसाराम की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।