वाशिंगटन। दक्षिण चीन सागर पर चीन के व्यवहार के लिए अमेरिका की कड़ी चेतावनी बेअसर साबित हो रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा था कि दक्षिण चीन सागर मसले पर चीन ने अपना आक्रामक व्यवहार न छोड़ा तो उसे परिणाम भुगतने पड़ेंगे। इसलिए चीन अपने पड़ोसी देशों की चिंताओं को समझते हुए अपने व्यवहार में संयम लाए। ओबामा ने यह बात जी-20 सम्मेलन के सिलसिले में चीन रवाना होने से पहले एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कही थी। अमेरिका की चेतावनी को ठेंगा दिखाते हुए चीन ने इस विवादित सागर में अपने कई पोत भेज दिए हैं। ये पोत पिछले एक हफ्ते से फिलीपींस के समुद्री तट के नजदीक डेरा डाले हुए हैं। फिलीपींस के रक्षा मंत्री डेल्फिन लॉरेंजना ने दावा किया है कि फिलीपींस के रक्षा विभाग के पास इन पोतों की तस्वीरें हैं जिनमें चीनी कोस्ट गार्ड के चार पोतों सहित 6 और पोत शामिल हैं।

एक इंटरव्यू में लॉरेंजना ने कहा कि स्कारबॉरो शोल से करीब एक मील की दूरी पर ये पोत तैनात हैं। स्कारबॉरो शोल वह विवादित जगह है जिस पर चीन और फिलीपींस दोनों अपना दावा जताते रहे हैं। ओबामा ने कहा, अमेरिका ने भी खुद को तमाम अंतरराष्ट्रीय नियमों और कानूनों से बांध रखा है। ऐसा हम इसलिए करते हैं क्योंकि हम उनका सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि जब हम अंतरराष्ट्रीय नियमों को टूटते हुए देखते हैं तो उनके दुष्परिणामों की चिंता करते हैं। नियमों की ऐसी ही टूटन दक्षिण चीन सागर के मामले में हो रही है। इसीलिए परिणामों के बारे में कह रहे हैं। चीन को बताना चाहते हैं कि अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार काम करने पर हम उसके सहयोगी बन सकते हैं।