अजय विद्युत

27 फरवरी को देश की सबसे बड़ी मोबाइल ऑपरेटर एयरटेल के एमडी गोपाल विट्ठल और उसके अगले दिन कंपनी के चेयरमैन सुनील मित्तल ने एक अप्रैल से देशभर में फ्री रोमिंग का ऐलान किया था। एयरटेल ने जियो की मुफ्त वॉयस कॉल और रोमिंग को प्रतिस्पर्धा देने के लिए यह कदम उठाया था। लेकिन अभी तक एयरटेल अपने उपभोक्ताओं से रोमिंग शुल्क वसूल रही है और इसके बारे में कंपनी की तरफ से कोई सफाई भी नहीं दी गई है।

बर्सिलोना में विश्व मोबाइल कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए मित्तल ने कहा था कि मैं मोबाइल पर युद्ध की घोषणा करता हूं। कंपनी का कहना था कि रोमिंग के दौरान न तो इनकमिंग कॉल पर पैसा देना होगा न आउटगोइंग कॉल के लिए अतिरिक्त भुगतान करना होगा। एसएमएस की सुविधा भी रोमिंग में फ्री रहेगी। रिलायंस जियो से आरपार की लड़ाई की घोषणा करते हुए सुनील मित्तल का कहना था, ‘जियो की दरें काफी आक्रामक हैं और टिकने वाली नहीं हैं।’ इससे साफ है कि जियो के बढ़ते वर्चस्व से देश की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनी एयरटेल भारी दबाव में आ गई है। मित्तल ने कहा, ‘एयरटेल का बहीखाता मजबूत है। इसकी संभावना नहीं है प्रतिस्पर्द्धा के कारण हमें नुकसान होगा लेकिन ऐसा कभी नहीं होगा यह नहीं कहा जा सकता।’ फिर किस असमंजस या दबाव में एयरटेल प्रमुख की घोषणा के बावजूद कंपनी रोमिंग को पूरी तरह फ्री नहीं कर पाई, यह सवाल अपनी  जगह कायम है।

दिल्ली में एयरटेल के मोबाइल नंबर 9899201356 से अप्रैल के पहले सप्ताह में राजस्थान में रोमिंग के दौरान कॉल करने पर एक रुपये पंद्रह पैसे प्रति मिनट की दर से कटे। एयरटेल के जुड़े सूत्रों की मानें तो कंपनी भारी आर्थिक दबाव में है और जुलाई के बाद ही वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो पाएगी कि जियो की सेवाएं इस्तेमाल कर रहे एयरटेल के तमाम उपभोक्ता क्या फैसला लेते हैं। वे एयरटेल का ही नेटवर्क लेते रहेंगे या जियो में शिफ्ट हो जाएंगे। जियो प्राइम के साथ तीन सौ तीन रुपये का प्लान लेने वालों का प्लान एक जुलाई से लागू होगा और उसकी अवधि अट्ठाइस दिन है। एयरटेल के सूत्रों ने आशंका जताई कि जियो ने अगर कॉल का स्तर सुधार लिया तो दूसरी मोबाइल कंपनियों से संबद्ध कई उपभोक्ता अट्ठाइस जुलाई के बाद अपने नंबर जियो में पोर्ट करा सकते हैं।