नई दिल्ली

कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने आधार-पे का प्रचार शुरू कर दिया है, क्‍योंकि इससे डिजिटल भुगतान करने के लिए सिर्फ फिंगरप्रिंट की जरूरत होगी। आप सिर्फ 12 डिजिट के आधार नंबर के जरिये आसानी से लेन-देन कर पाएंगे। दरअसल, सरकार इस मुहिम से देश के गरीब और मध्यम वर्ग को ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के प्लेटफॉर्म पर लाना चाहती है। आधार पे पहले से चल रहे आधार से जुड़े पेमेंट सिस्टम एईपीएस का मर्चेंट वर्जन है। आधार पे से सिर्फ फिंगरप्रिंट के जरिये फाइनेनशियल ट्रांजेक्शन को पूरा किया जा सकता है।

आधार पे पहले से इस्तेमाल हो रहे आधार एनेबल्ड पेमेंट सिस्टम का मर्चेंट वर्जन है। इसका इस्तेमाल पहले से प्रचलित ऑनलाइन और कार्ड ट्रांजेक्शन का विकल्प हो सकता है जहां पासवर्ड और पिन की जरूरत पड़ती है। इस ऐप के जरिये कैशलेस पेमेंट करने के लिए ग्राहकों को सिर्फ अपना आधार नंबर, उस बैंक का नाम जिससे भुगतान किया जाना है और अपना फिंगरप्रिंट देने की जरूरत है। इस ऐप के जरिये पेमेंट करने के लिए सिर्फ एक सामान्य एंड्रॉएड फोन की जरूरत पड़ेगी और मर्चेंट को बायोमेट्रिक डिवाइस लगाना होगा।

इस ऐप से बिना किसी कार्ड और पिन नंबर के डिजिटल ट्रांजेक्शन करना संभव होगा। आधार पे ऐप को पॉपुलर करने के लिए सरकार ने बैंको से प्रति ब्रांच 30-40 मर्चेंट को एनरोल करने के लिए कहा है जिससे वे अपने ग्राहकों को कैशलेस पेमेंट की सुविधा दे सकें।

आधार पे को पॉपुलर करने के लिए मर्चेंट को लंबे समय तक इसका इस्तेमाल करने पर इंसेंटिव दिए जाने की सरकार की योजना है। आधार पे से ट्रांजेक्शन करने के लिए मर्चेंट को एक बायोमेट्रिक डिवाइस की जरूरत पड़ेगी जिसकी बाजार में कीमत लगभग 2000 रुपये के आस-पास है।

सरकार की योजना के मुताबिक मर्चेंट की इस लागत को जल्द से जल्द इंसेटिव के जरिये अदा कर दिया जाएगा जिससे वे लंबे समय तक इस माध्यम का इस्तेमाल करते हुए अपने ग्राहकों को कैशलेस पेमेंट की सुविधा मुहैया करा सकें।

आधार एनेबल्ड पेमेंट सिस्टम की अपेक्षा आधार पे बाकी डिजिटल पेमेंट माध्यमों से ज्यादा सुरक्षित और सरल है। इस माध्यम का इस्तेमाल करने वाले सभी मर्चेंट बैंक में रजिस्टर्ड होंगे और ग्राहकों का बैंक खाता उनके आधार कार्ड से जुड़े रहने के कारण इसके गलत इस्तेमाल की गुंजाइश नहीं रहेगी।