अभिषेक रंजन सिंह,नई दिल्ली।

नई नौकरियों के अवसर पैदा करना केंद्र सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है। प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान सालाना  एक करोड़ नई नौकरियां देने का वादा किया था। ऐसे में मोदी सरकार मिशन 2019 के मद्देनजर नई नौकरियों के लिहाज से बजट में बड़ा ऐलान कर सकती है। दरअसल इस साल कई राज्यों के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में भाजपा युवाओं का गुस्सा मोल नहीं लेना चाहती है।

गौरतलब है कि बजट 2018-2019 मोदी सरकार के लिए एक सुनहरा मौका है, जिसके जरिए वह नौकरियों की कमी को दूर कर अपने चुनावी आधार को और मजबूत बना सकती है। नई नौकरियों के मामले में यह पिछले 6 साल का सबसे निचला स्तर है। गुजरात के विधानसभा चुनाव के आए नतीजों ने ग्रामीण इलाकों में बीजेपी के खिसकते वोट बैंक की तस्वीर पेश की है। नौकरियों की कमी को भी पार्टी की इस स्थिति का मुख्य कारण माना जा रहा है। आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह पीएम मोदी की सरकार का अंतिम बजट होगा, ऐसे में उनकी सरकार इस बजट में ऐसे मुद्दों पर ध्यान देना चाहेगी, जिनका चुनावों में ज्यादा प्रभाव पड़े। उम्मीद की जा रही है कि सरकार इस बार बजट में किसानों के मुद्दों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर सकती है, वहीं माना जा रहा है कि इस लिस्ट में किसानों के बाद अगला बड़ा मुद्दा नौकरियों का होगा।