मैं शल्य नहीं भीम हूं, अर्थव्यवस्था का चीरहरण नहीं होने दूंगा

अाेपिनियन पाेस्ट 
अर्थव्यवस्था को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्र के बीच वाक युद्ध रूकने का नाम नहीं ले रहा  है। कल पीएम मोदी ने यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी द्वारा अर्थव्यवस्था को लेकर किए गए हमलों का जवाब देते हुए बिना नाम लिए सिन्हा की तुलना महाभारत के शल्य से की थी।

अब पीएम के इस बयान के बाद यशवंत सिन्हा का ताजा बयान आया है। सिन्हा ने कहा है कि मैं शल्य नहीं हूं, भीष्म हूं अाैर अर्थव्यवस्था का चीरहरण होते नहीं देख सकता। सिन्हा ने एक निजी टीवी चैनल से साक्षात्कार में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में महाभारत के शल्य का जिक्र किया है लेकिन उन्हें समझना चाहिए कि महाभारत में ही एक और चरित्र है और वह भीष्म पितामह का है। उन्होंने कहा कि ऐसा कहा जाता है कि जब द्रौपदी का चीरहरण हो रहा था तो भीष्म पितामह खामोश रह गए थे लेकिन अब अगर अर्थव्यवस्था का चीरहरण होगा तो मैं बोलूंगा। सिन्हा ने कहा कि आंकड़ों का खेल खतरनाक होता है। जिन आंकड़ों से आप अपनी बात साबित करेंगे उन्हीं से मैं दूसरी बात साबित कर दूंगा। इसकी बजाय जमीनी हकीकत देखिए।

आंकड़ों का खेल खतरनाक 

सिन्हा ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री के उस बयान पर भी टिप्पणी की जिसमें उन्होंने अर्थव्यवस्था को लेकर पूववर्ती यूपीए सरकार के साथ अपनी सरकार की तुलना की थी। उन्होंने कहा था कि पिछली सरकार के शासन काल में 8 बार ऐसे मौके आए जब विकास दर 5.7 प्रतिशत या उससे भी नीचे रही। सिन्हा ने इस पर कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि अर्थव्यवस्था पर चर्चा शुरू हुई है। अगर प्रधानमंत्री ने खुद देश की जनता के सामने कुछ बातें रखी हैं तो यह स्वागत योग्य है। लेकिन प्रधानमंत्री ने जो आंकड़े दिए उस पर उन्हें यही कहना है कि आंकड़ों का खेल खतरनाक होता है। वर्ष 2019 में होने वाले चुनाव में अगर सरकार उतरेगी तो जनता यह नहीं पूछेेगी कि यूपीए की तुलना में कैसा काम किया बल्कि लोग पूछेंगे कि जो वादे किए गए थे वेपूरे हुए हैं या नहीं।

बता दें कि पीएम मोदी ने बुधवार को अर्थव्यवस्था पर सवाल उठाने वालों की तुलना महाभारत के पात्र शल्य से की थी। पीएम ने कहा था कि कुछ लोग शल्य प्रवृत्ति के हैं जिनका काम केवल निराशा फैलाना है। हमें ऐसे लोगों की पहचान करनी होगी।

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