नई दिल्ली।

दिल्ली के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा की सार्वजनिक माफी के बाद ‘आप’ के पूर्व नेता योगेंद्र यादव ने उन्हें एक खुला पत्र लिखा। यादव ने कहा, मुझसे माफी मांगने की बजाय आपको हजारों समर्थकों और देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए थी। उन्होंने कपिल को ये नसीहत भी दी कि वह केजरीवाल पर रोज-रोज आरोप लगाना बंद करें। योगेंद्र यादव के इस पत्र के बाद कपिल ने भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जब तक घोटालों की जानकारी सामने नहीं आएगी,  मैं चुप नहीं बैठूंगा।

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योगेंद्र यादव का पत्र

कपिल भाई,

कल प्रेस कांफ्रेंस में आपकी क्षमायाचना सुनी। मुझे लगा कि प्रशांत जी और मुझसे (और साथ में आनंद जी और अजीत भाई से) माफ़ी मांगने की बजाय उन हज़ारों वॉलेंटियर, लाखों समर्थकों और करोड़ों देशवासियों से माफ़ी मांगनी चाहिए थी जिनके साथ धोखा हुआ है। मुझे अच्छा लगा कि आपने भी शाम तक मेरी इस बात का समर्थन किया। गलती कौन नहीं करता, लेकिन माफ़ी मांगने की हिम्मत हर कोई नहीं करता।

बहुत वक्त बीत गया है, फिर भी आपकी सार्वजनिक क्षमायाचना से कई दोस्तों के पुराने घाव भरने में मदद मिलेगी। जब हमें झूठे लांछन लगाकर पार्टी से निकाला गया, उस वक्त (खासतौर पर केलिस्टा रिसोर्ट कांड में) आपकी और अपने कई साथियों की भूमिका देखकर मेरा इंसानियत से भरोसा हिल गया था। आपके विशेष अनुरोध पर मैं आपके चुनाव क्षेत्र में कई बार प्रचार करने गया था। सोचिये मुझे कैसा लगा होगा जब आपके ही मुंह से गद्दारी का आरोप सुना और आपका आदरणीय शांति भूषण जी पर हमला, अब भी याद कर सिहर उठता हूं। आपने उस घटना के सच का इशारा तो किया,  लेकिन कभी ठीक समझें तो उस काण्ड का पूरा सच देश के सामने रख दीजिएगा।

आज आपकी क्षमायाचना में उन कई पुराने साथियों की भी आवाज़ भी सुनी जो अपने किये पर शर्मिंदा महसूस करते हैं। चोरी-छुपे माफ़ी के सन्देश भेजते रहे हैं, लेकिन खुलकर बोल नहीं पाते। उसे सुनकर मेरे भीतर अगर कोई कड़वाहट बची थी तो वो धुल गई।

वैसे आप राजनीति में मुझसे बहुत होशियार हैं, लेकिन अगर अन्यथा न लें तो एक सुझाव दूं, ये रोज-रोज अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रेस कांफ्रेंस करनी बंद कर दीजिए। मैं नहीं कहता कि आपके सारे आरोप गलत हैं। कुछ आरोप वजनदार हैं,  हालांकि बाकी का अभी कोई प्रमाण नहीं है। लेकिन दिन-रात आरोपों की झड़ी सुनने से आम आदमी पार्टी तो साफ़ नहीं होगी,  ईमानदार राजनीति में जनता की जितनी भी आस्था बची है वो जरूर साफ़ हो जाएगी। अगर ये सब आपको पता था तो आप पिछले दो साल से वहां क्या कर रहे थे? आज आपको प्रायश्चित शोभा देता है, प्रतिशोध नहीं।

कपिल भाई, नकारात्मकता की राजनीति न देश के हित में है, न ही आपके हित में। पिछले दो साल से मैंने अपना अधिकांश समय गांव-खेती-किसान के सवाल पर लगाया है। मेरा यकीन मानो, आम आदमी पार्टी के नेताओं के कुकर्म इस देश की सबसे बड़ी समस्या नहीं हैं। जैसा फैज़ ने कहा था और भी दुख हैं ज़माने में।

शुभकामनाओं सहित,

आपका अग्रज

योगेंद्र यादव

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इस पत्र के बाद कपिल मिश्रा ने जवाब में कहा कि पूरा प्रकटीकरण तो होना ही चाहिए आपकी इस बात से सहमत हूं। जब घोटालों की जानकारी आएगी तो प्रेस कॉन्फ्रेंस करूँगा। चुप नहीं रहूंगा।