देशवासियाें काे करीब से गरीबी दिखाने का काम कर रहे हैं जेटली

अाेपिनियन पाेस्ट
लम्बे समय से हासिये पर चल रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा के एक लेख जिसमें सरकार की आर्थिक नीतियों, वित्तमंत्री अरुण जेटली और पीएम मोदी पर सीधा निशाना साधा गया है उसने पार्टी को सकते में दाल दिया है । सिन्हा के लेख का सहारा लेकर विपक्ष ने भी माेदी सरकार पर हमला बाेला है। सिन्हा ने लेख में अरुण जेटली पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें (जेटली) इस सरकार में सबसे बेहतर माना जाता है। 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले ही तय हो चुका था अगर मोदी सरकार बनी तो जेटली ही वित्त मंत्री होंगे। जेटली अमृतसर से चुनाव हार गए, लेकिन यह हार उनके अप्वॉइंटमेंट में रुकावट नहीं बनी। 1998 में ऐसे ही हालात में अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने करीबी जसवंत सिंह और प्रमोद महाजन को कैबिनट में शामिल नहीं किया था।
सिन्हा ने लिखा कि इससे पहले वाजपेयी सरकार में जसवंत सिंह और प्रमोद महाजन को भी वाजपेयी करीबी होने के बावजूद मंत्री नहीं बनाया गया था। लेकिन जेटली को वित्त मंत्रालय के साथ ही रक्षा मंत्रालय भी मिला। उन्होंने लिखा कि मैंने वित्त मंत्रालय संभाला है मुझे पता है ये आसान काम नहीं है। यह 24 घंटे का काम है जिसे जेटली जैसे सुपरमैन भी पूरा नहीं कर सकते हैं। यशवंत सिन्हा ने लिखा कि अरुण जेटली सबसे लकी वित्त मंत्रियों में से एक रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी वे देश की इकोनॉमी में कोई सुधार नहीं कर पाए हैं। अपने आर्टिकल के आखिरी में जेटली पर तंज कसते हुए उन्‍होंने लिखा है, “प्रधानमंत्री कहते हैं कि उन्‍होंने बेहद करीब से गरीबी देखी है। ऐसा लगता है कि उनके वित्त मंत्री भी ओवरटाइम काम कर यह तय करना चाहते हैं कि सभी भारतीयों को भी बेहद करीब से इस तरह का अनुभव होना चाहिए।”
यशवंत सिन्हा ने कहा कि आज के समय में ना ही नौकरी मिल रही है और ना विकास तेज हो रहा है.। इनवेस्टमेंट घट रही है और जीडीपी भी घट रही है। यशवंत सिन्हा ने नोटबंदी के फैसले पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया, उन्होंने कहा कि नोटबंदी ने गिरती जीडीपी में आग में तेल डालने की तरह काम किया। जीएसटी को ठीक तरीके से लागू नहीं किया गया, जिसके कारण नौकरी और बिजनेस पर काफी फर्क पड़ा है। जीडीपी अभी 5.7 है, सभी को याद रखना चाहिए कि सरकार ने 2015 में जीडीपी तय करने के तरीके को बदला था। अगर पुराने नियमों के हिसाब से देखें तो आज के समय में 3.7 जीडीपी होती। उन्होंने कहा कि ये मेरी नेशनल ड्यूटी है कि मैं अब इसके बारे में बोलूं। बीजेपी में कई लोग ऐसे हैं जो कि डर की वजह से कुछ नहीं बोल पा रहे हैं।
यशवंत सिन्हा के बयान पर बीजेपी ने कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन बीजेपी सूत्रों के मुताबिक- यशवंत सिन्हा के लेख में अर्थव्यवस्था को लेकर कई दावे गलत हैं। मोदी सरकार को खस्ता हाल अर्थव्यवस्था मिली थी, जिसे पटरी पर लाया गया. पिछले तीन साल में अर्थव्यवस्था की हालत सुधरी है। एक तिमाही में जीडीपी कम होने से पूरी अर्थव्यवस्था पर सवाल उठाना गलत है।

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