ईश्वर एक, विश्व एक परिवार

ओपिनियन पोस्ट ब्यूरो

अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व न्यायाधीश वी. ईश्वरैय्या ने कहा कि भारत सोने की चिडिय़ा था फिर से वही संस्कृति भारत को विश्वगुरु की उपाधि दिलाने के लिए ब्रह्माकुमारी संगठन से विश्व में फैल रही है। भगवत गीता का सार वास्तव में ब्रह्माकुमारीज की संस्कृति में झलकता है। वे माउंट आबू  में 26 फरवरी को ब्रह्माकुमारीज अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के खुले सत्र को संबोधित कर रहे थे।

राजस्थान सरकार में गोपालन राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने कहा कि स्वच्छता को लेकर विशेष कार्य करने पर ब्रह्माकुमारीज की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी को प्रधानमंत्री की ओर से एंबेसेडर बनाया जाना गौरव की बात है।

विशेष अतिथि के रूप में नाइजीरिया से पधारे पूर्व राष्ट्रपति बाबा ओलुसेगुन ओबासन्जो ने कहा कि इस दुनिया को यदि हम फिर से शांतिमय और बेहतर बनाना चाहते हैं तो भगवान से संबंध जोडऩा होगा। यदि हम भगवान को ही नहीं जानेंगे तो उससे कैसे जुड़ पाएंगे। इसलिए पहले भगवान की पहचान होना जरूरी है। जब भगवान से रिश्ता जुड़ जाएगा तो हमारी व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक, राष्ट्रीय और वैश्विक जिंदगी बदल जाएगी।

मुख्य प्रशासिका दादी जानकी ने कहा कि जीवन एक यात्रा है, इस यात्रा के पड़ाव में क्यों, क्या, कैसे के प्रश्नों  में जाने के बजाए लक्ष्य और मंजिल को सामने रखकर निरंतर जीवन को श्रेष्ठ बनाने के लिए प्रयासरत रहें।

राज्यसभा टीवी के एक्सक्यूटिव डायरेक्टर राजेश बादल ने कहा कि आत्मा और परमात्मा के बीच के रिश्ते को अंगीकृत कराने का जो प्रयास यहां किया जा रहा है वह हर परिवार के लिए सही मार्गदर्शक है। एचआईवी और एड्स जनजागृति के गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर व पद्मश्री प्रो. डॉ. कुट्टी कुपाला सूर्याराव ने कहा कि इस ब्रह्मांड का जो परम सत्य है वह ब्रह्माकुमारी संस्थान में दिया जा रहा है। जिस दिन मैंने इस पवित्र धरती पर कदम रखा, तो मुझे उसी दिन से सर्वोच्च परम सत्ता की आध्यात्मिक शक्ति महसूस हुई। मुंबई से आए फिल्म निदेशक व लेखक अतुल राजकुले ने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्थान को लेकर डॉक्यूमेंट्री तैयार करेंगे, जो समाज को नई दिशा देने में सहायक साबित होगी। इसके लिए यहां की समस्त गतिविधियों को करीब से देखा है।

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