सालों से पानी की मारामारी। पर, क्या सरकारी व्यवस्था भी बुंदेलखंड के सूखे से हारी? शौचालय तो बने खड़े फिर काहे, तड़के, दोपहर और रात तीनों पहर लोटा लेकर भागती फिरे जनता बेचारी? हमारे सवालों पर रमकलिया झल्लाई, गुस्साई। काए का बिना पानी चलथ हैं इ शौचालय। तुम्हई बताओ! पानी पिएं की बहाईं?