किसान ऋण मोचन योजना
ऐसा हो भी क्यों न. मार्च 2017 में नई सरकार ने शपथ ग्रहण करने के बाद अपनी पहली ही कैबिनेट बैठक में अपने संकल्प-पत्र में किए गए वायदे के मुताबिक किसानों का कृषि ऋण एक लाख रुपये तक माफ करने का निर्णय लिया. सरकार द्वारा निर्णय लिया गया कि एन.आई.सी उत्तर प्रदेश द्वारा विकसित ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से प्रदेश के किसानों द्वारा लिए गए कृषि ऋण का विवरण बैंकों के माध्यम से ऑनलाइन फीड कराकर तहसील स्थित राजस्व विभाग के अधिकारियों एवं बैंक अधिकारियों की टीम द्वारा उसका सत्यापन कराकर इस ऋण माफी योजना को साकार किया जाए, ताकि कोई भी पात्र किसान इस योजना से वंचित न रह जाए तथा अपात्र किसान इसका दुरुपयोग न कर सकें. अब तक 44,03,939 किसानों को कृषि ऋण मोचन योजना का लाभ मिल चुका है. इसमें एनपीए और नॉन एनपीए, दोनों तरह के ऋण शामिल हैं. कुल 24663.62 करोड़ रुपये का ऋण माफ किया जा चुका है. इसके अलावा ऋण माफी योजना के लाभ से वंचित पात्र किसानों के लिए राज्य सरकार ने जिलों में हेल्प-डेस्क भी स्थापित की, जहां 21 जनवरी तक किसानों की शिकायतें दर्ज की गईं. सरकार की मंशा साफ है कि कोई भी पात्र किसान इस योजना के लाभ से वंचित न रह जाए. हेल्प-डेस्क के माध्यम से कृषि विभाग की ओर से 21 जनवरी तक किसानों की शिकायतें प्राप्त की गईं. अब योजना के प्रावधानों के अनुसार पात्र किसानों को लाभान्वित किया जाएगा.
कृषि विकास का रोडमैप
साल 2022 तक उत्तर प्रदेश के ऐसा हो भी क्यों न. मार्च 2017 में नई सरकार ने शपथ ग्रहण करने के बाद अपनी पहली ही कैबिनेट बैठक में अपने संकल्प-पत्र में किए गए वायदे के मुताबिक किसानों का कृषि ऋण एक लाख रुपये तक माफ करने का निर्णय लिया. की कृषि आमदनी होगी दोगुनी. इसके लिए बाकायदा योगी सरकार ने रोडमैप तैयार कर लिया है तथा आठ सूत्रीय रणनीति तैयार कर कार्यवाही शुरू कर दी है. इस बाबत विभाग द्वारा किसानों को कृषि की नवीनतम तकनीक का प्रशिक्षण देने के लिए एक अनूठी किसान पाठशाला (द मिलियन फार्मर्स स्कूल) का आयोजन पूरे प्रदेश में किया गया, जिसमें 10 लाख से अधिक किसानों ने पांच दिनों का प्रशिक्षण लिया. राज्य सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ सभी जरूरतमंद किसानों तक पहुंचा रही है. योजना के तहत खरीफ 2017 में 25.48 लाख किसानों के 24.72 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल की फसलों का 9713.29 करोड़ रुपये का बीमा कराया गया. फरवरी 2018 तक 193.40 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति कराई जा चुकी है. रबी 2017-18 में 29.15 लाख किसानों के 23.58 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल की फसलों का 11621.27 करोड़ रुपये का बीमा कराया गया. मार्च 2018 तक सभी किसानों को स्वायल हेल्थ कार्ड का वितरण किया जा चुका है. बुंदेलखंड क्षेत्र में 2,549 तालाबों के निर्माण का लक्ष्य पूरा हो चुका है. प्रदेश के 261 अति-दोहित/क्रिटिकल/सेमी क्रिटिकल विकास खंडों में सिंचाई जल उपयोग की क्षमता बढ़ाई जा चुकी है.