उत्तर प्रदेश विधान परिषद की चार सीटों पर होने वाले चुनाव की घोषणा के साथ ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद को लेकर भी तस्वीरें साफ होती नजर आ रही है। योगी मंत्रिमंडल में शामिल स्वतंत्र देव सिंह इस पद के सबसे प्रबल दावेदार बताए जा रहे हैं। वैसे भी योगी मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्रियों सहित पांच ऐसे लोग हैं जो अभी विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं हैं। इनमें मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और मोहसिन रजा भी शामिल हैं। ऐसे में इन दोनों में से किसी एक को मंत्री पद से इस्तीफा देना होगा।

योगी मंत्रिमंडल में मोहसिन रजा इकलौते मुसलिम मंत्री हैं। वहीं केशव प्रसाद मौर्य की तरह स्वतंत्र देव भी पिछड़ी जाति (कुर्मी) से हैं, ऐसे में उन्हें प्रदेश संगठन की कमान सौंप कर इन दोनों समीकरणों को बनाए रखा जा सकता है। यूपी चुनाव में गैर यादव पिछड़ों को गोलबंद करने से ही भाजपा को प्रचंड बहुमत मिल पाया था। अब जबकि यह तय हो गया है कि उप मुख्यमंत्री और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य राज्य की राजनीति में ही रहेंगे तो संगठन में उनके उत्तराधिकारी की भी तलाश शुरू हो गई है। एक व्यक्ति एक पद की भाजपा की नीति के मुताबिक मौर्य को विधान परिषद का चुनाव जीतने के बाद संसद की सदस्यता और पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। सूत्रों का कहना है कि पांच सितंबर के बाद किसी समय केशव प्रसाद मौर्य का इस्तीफा हो सकता है।

स्वतंत्र देव सिंह आरएसएस से जुड़े रहे हैं। वे बुंदेलखंड से हैं और पिछले दिनों उनको पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश की तीन सबसे हाई प्रोफाइल सीटों पर भाजपा को जिताने का जिम्मा दिया गया है। वे कमलनाथ की छिंदवाड़ा, ज्योतिरादित्य सिंधिया की गुना और कांतिलाल भूरिया की झाबुआ सीट पर पार्टी को चुनाव लड़वाएंगे। इसलिए भी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। अगर उन्हें मंत्रिमंडल से हटाया जाता है उनका प्रदेश अध्यक्ष बनना तय है। ऐसे में पार्टी उनको राज्यसभा में भेज सकती है।

स्वतंत्र देव सिंह के अलावा दो केंद्रीय मंत्रियों के नाम की भी चर्चा है कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। पार्टी अगर ब्राह्मण को कमान देने का फैसला करेगी तो महेश शर्मा अध्यक्ष बन सकते हैं। जाट नेताओं में केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को अध्यक्ष बनाए जाने की भी चर्चा चल रही है। इसके अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से ही एक और नेता अशोक कटारिया को भी यह पद मिलने की चर्चा है। वे बिजनौर के हैं और फायरब्रांड नेता हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गूजर वोट को ध्यान में रख कर पार्टी ने उनको प्रदेश महामंत्री बनाया है। इनके अलावा प्रदेश अध्यक्ष के लिए एक दो और नामों की चर्चा है। मगर जातिगत और अन्य समीकरणों को देखते हुए स्वतंत्र देव का पलड़ा सबसे भारी नजर आ रहा है।

विधान परिषद की चार सीटों के लिए 29 अगस्त से नामांकन शुरू हो चुका और पांच सितंबर तक चलेगा। विपक्ष की स्थिति को देखते हुए माना जा रहा है कि चुनाव की नौबत नहीं आएगी और भाजपा चारों सीटों पर निर्विरोध कब्जा जमा लेगी। पार्टी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा के नामांकन फॉर्म पर प्रस्तावकों के हस्ताक्षर करवा लिए हैं। साथ ही चौथे फॉर्म पर भी प्रस्तावकों के हस्ताक्षर लिए गए हैं मगर उसमें किसी उम्मीदवार का नाम नहीं है। कहा जा रहा है कि भाजपा के चारों उम्मीदवार 31 अगस्त को नामांकन का पर्चा दाखिल कर देंगे।