सुनील वर्मा 
मथुरा के होली गेट स्थित कोयला वाली गली में 5 दिन पहले हुए सर्राफा कारोबारी की हत्या व लूटकांड में पुलिस ने 6 आरोपी को पुलिस ने चौबियापाड़ा के हनुमान गली से गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से एक बदमाश को उसी घटना के दौरान गोली लगी थी, जिसका इस समय पुलिस जिला अस्पताल में इलाज कर रही है। पुलिस उस उस मकान के मालिक को भी गिरफ्तार कर लिया है जहां ये किराए पर रहते थे ।

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ऐसे हुई घटना

गत 15 मई को मथुरा के होली गेट स्थित मयंक चेन्स नाम की ज्वैलर्स की दुकान में ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर दो सर्राफा व्यवसायियों मेघ अग्रवाल और विकास अग्रवाल की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद बदमाश दुकान के आभूषण लूटकर चौबियापाड़ा की ओर भागते हुए फरार हो गए थे। तब से सर्राफा व्यवसायी और पीड़ितों के घरवाले आंदोलित थे। शुक्रवार को प्रदेशव्यापी सर्राफा बंदी भी थी। मुख्यमंत्री योगी के प्रतिनिधि के रूप में ऊर्जा मंत्री और स्थानीय विधायक श्रीकांत शर्मा और डीजीपी सुलखान सिंह ने भी मथुरा का दौरा किया था और पीड़ितों के घरवालों से मुलाकात की थी।

 कैसे हुई गिरफ़्तारी 
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इस घटना के बाद सड़क से लेकर सदन तक उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठ रहे थे। पुलिस पर लगातार दबाव बढ़ रहा था। वह ताबड़तोड़ दबिशें दे रही थी। एसटीएफ समेत पुलिस की आठ टीमें लगाई गई थीं। शुक्रवार को पुख्ता सूत्र की निशानदेही पर दिन भर स्थानीय चौबियापाड़ा में दबिश चल रही थी। रात में मुठभेड़ की बात भी सामने आई थी। एसएसपी विनोद मिश्रा के मुताबिक आज तड़के 5 बजे बदमाशों के साथ पुलिस की मुठभेड़हुई , जो करीब 6.30 बजे सुबह तक चली है। इसके बाद पुलिस ने रंगा बिल्ला और चीमा सहित 6 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। मुठभेड़ में 7 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए हैं। वहीं 2 बदमाश गोली लगने के बाद घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
एसएसपी के मुताबिक रंगा-बिल्‍ला गैंग के सदस्‍यों ने इस वारदात को अंजाम दिया था । पकड़े गए आरोपी रंगा उर्फ राकेश, चीनी उर्फ कामेश, नीरज, आदित्‍य, आयुष और छोटू रंगा बिल्‍ला गैंग के हैं। बिल्‍ला पहले ही एक मर्डर केस में जेल में है। उसने पान की दुकान पर दिनदहाड़े एक शख्‍स की गोली मारकर हत्‍या कर दी थी। पुलिस के मुताबिक जो लोग पकड़े गए हैं, ये सभी घटना के वक्‍त सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे थे। शनिवार सुबह पकड़े गए इन छह आरोपियों में से रंगा, चीनी और नीरज तीनों भाई हैं. रंगा और नीरज के ऊपर एक कत्‍ल के मुकदमे में पहले से ही पांच-पांच हजार रुपये का ईनाम था और तीन साल से ये फरार चल रहे थे। लूट के बाद से गैंग के लोग मथुरा में ही घर बदल कर छुप रहे थे। पुलिस का कहना है कि इन लोगों का यहां इतना खौफ था कि वारदात के वक्‍त ही स्‍थानीय बाजार के लोग इनको पहचान गए थे लेकिन कोई मुंह खोलने को तैयार नहीं था। वह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में लूट की घटना साफ-साफ दिखाई दी। बदमाश अपने मुंह को हेलमेट और कपड़ों से ढके हुए थे।