अनिल कपूर- बॉलीबुड के 35 साल के सफ़र में वो चेहरा जो बूढ़ा ही नहीं हुआ

‘रेस 3’ में शमशेर के किरदार से दिल जीतने वाले अनिल कपूर को फ़िल्म इंडस्ट्री में 35 साल पूरे हो गये हैं। पर्दे पर अपने किरदारों से मनोरंजन करने वाले अनिल ने अपनी फ़िल्मी यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ावों को याद करते हुए इस सफ़र में साथ देने वालों का शुक्रिया अदा किया है।

अनिल कपूर हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री के उन एक्टर्स में शामिल हैं, जिन्होंने पर्दे पर तमाम क़िस्म के किरदार निभाये हैं। अपनी एक्टिंग के दम से कई फ़िल्मों को हिट और सुपरहिट कराया है। 35 साल का सफ़र पूरा होने पर, अनिल ने ट्विटर के ज़रिए अपने जज़्बात बयां किये हैं।

उन्होंने लिखा है- ”क्या शानदार यात्रा रही है! आगे बढ़ने के लिए कितने मौक़े मिले और उन सबसे ज़्यादा कितनी यादें हैं। फ़िल्मों में आने से पहले की अपनी ज़िंदगी मुझे याद नहीं है, क्योंकि सही मायनों में मैंने अपनी ज़िंदगी सिल्वर स्क्रीन पर ही जी है। मुझे अपना घर, परिवार और ख़ुशी यहीं मिली। मुझे ख़ुशक़िस्मत हूं कि मुझे इतना अनुभव और प्यार मिला। लोग आपको जानें, आपके काम को पहचानें और प्रशंसा करें, इससे बड़ी अनुभूति दूसरी नहीं हो सकती। इस यात्रा में जिन्होंने मेरा साथ दिया है, उनके बिना यहां तक पहुंचना संभव नहीं था। इसलिए उन सभी का बहुत शुक्रिया। ख़ुशनसीब हूं कि अपने सपने को जी पा रहा हूं।”

अनिल के इस शानदार फ़िल्मी सफ़र की शुरुआत 1983 में 23 जून को ही हुई थी, जब बतौर लीड उनकी पहली फ़िल्म ‘वो 7 दिन’ आयी। इस फ़िल्म को उनके बड़े भाई बोनी कपूर ने प्रोड्यूस किया था, जबकि बापू निर्देशक थे। फ़िल्म में पद्मिनी कोल्हापुरे और नसीरुद्दीन शाह उनके सह-कलाकार थे। अनिल ने अपने करियर के अहम पड़ावों को एक रोड-मैप के ज़रिए साझा किया है।

इस मैप में आप उनकी यादगार परफॉर्मेंसेज वाली फ़िल्में देख सकते हैं, जिनमें मशाल, मेरी जंग, कर्मा, मिस्टर इंडिया, राम लखन, तेज़ाब, 1942 ए लव स्टोरी, नो एंट्री, नायक, वेल्कम, स्लमडॉग मिलियनेरे, वेल्कम बैक और अब रेस 3 शामिल हैं। 2001 की फ़िल्म पुकार के लिए अनिल ने बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड भी जीता था।

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