नई दिल्‍ली। भारतीय सेना की दिलेरी का एक सबूत वह जवान है, जिसकी बहादुरी ने देश का सिर ऊंचा किया है। मारे गए आतंकियों के पास से हथियार और बाकी जो सामान मिले हैं उसको देखने से लगता है कि आतंकी लंबी लड़ाई की तैयारी के साथ घुसे थे, लेकिन 19 साल के एक डोगरा रेजीमेंट के जवान की बहादुरी के आगे आतंकियों ने कुछ ही घंटों में घुटने टेक दिए। जिस जवान ने बहादुरी के साथ एक आतंकी को काबू में ले लिया, उसे भी गोली लगी है। इसी जवान की बहादुरी की बदौलत बाकी के तीन आतंकियों को भी जवानों ने एक कोने में कैद कर दिया। सभी आतंकी मारे गए, लेकिन इस जगह पर मुठभेड़ में चार जवान आतंकियों की गोली से शहीद भी हो गए।

मारे गए चारों आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के  

जम्मू-कश्मीर के उरी में कल हुए आतंकी हमले के पीछे एक बार फिर से पाक प्रायोजित आतंकियों के हाथ होने की बात सामने आ रही है। सेना के आला अधिकारियों के मुताबिक, मारे गए चारों आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े हुए थे। साथ ही उनके पास से जो हथियार और दूसरा सामान मिला है उस पर भी पाकिस्तान की मुहर लगी है।

पठानकोट के मास्टरमाइंड ने रची साजिश

इस बात की पुष्ट हो चुकी है कि चारों आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के हैं। यह वही आतंकी संगठन है जिसने आठ महीने पहले पठानकोट एयरबेस पर हमला बोला था। हैरानी ये है कि इसका आका मसूद अजहर मोस्ट वांटेड है, लेकिन वह पाकिस्तान की सरपस्ती में न सिर्फ आजाद घूम रहा है, बल्कि पाकिस्तानी छद्म युद्ध का मोहरा भी बना हुआ है।