मनोरमा

त्रिशुर की सतर्कता अदालत के ताजा आदेश के बाद केरल का सोलर पैनल घोटाला एक बार फिर चर्चा में है। इस बार भी सीधे निशाने पर हैं मुख्यमंत्री ओमन चांडी। पहले भी इसके तार मुख्यमंत्री दफ्तर से ही जुड़े थे लेकिन इस बार आरोपी खुद मुख्यमंत्री हैं। सच कहा जाए तो यह घोटाला किसी हिट थ्रिलर फिल्म की पटकथा से कम नहीं है। पहली बार जून 2013 में उजागर हुए इस घोटाले में सत्ता, पैसा, धोखाधड़ी, खूबसूरत औरतें, प्रेम कहानी और हत्या सबकुछ है। इस पटकथा में पार्ट-1, पार्ट-2, पार्ट-3 की तरह लगातार नए घटनाक्रम  जुड़ते जा रहे हैं।

2013 में सामने आया यह घोटाला रकम से ज्यादा इसमें शामिल दो ग्लैमरस महिलाओं  सरिता नायर और फिल्म अभिनेत्री शालू मेनन के ​कारण चर्चा में रहा। केरल के एक तिहाई मंत्री उनके संपर्क में थे। 

सरिता नायर से पहले उसके पति और घोटाले के मुख्य आरोपी बीजू राधाकृष्णन ने भी शिवराजन आयोग के सामने मुख्यमंत्री ओमन चांडी पर आरोपी कंपनी को ठेका देने के एवज में 5.5 करोड़ रुपये रिश्वत लेने और सरिता नायर के साथ सेक्स संबंध बनाने के आरोप लगाए थे। बीजू आयोग के समक्ष यह भी कहा था कि रिश्वत की कुल 5.5 करोड़ की रकम में से 5.1 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री ने खुद अपने हाथों से लिया। उसने आयोग के सामने अपनी बात को साबित करने के लिए पुख्ता सबूत होने का भी दावा किया। उसने कहा कि ओमन चांडी की सेक्स सीडी उसके पास सुरक्षित है। बीजू ने मुख्यमंत्री के अलावा उनकी कैबिनेट के दो मंत्रियों सहित कुल पांच लोगों पर इस तरह के आरोप लगाए हैं।

2013 में सामने आया यह घोटाला रकम (सात करोड़ रुपये) से ज्यादा इसमें शामिल  दो ग्लैमरस महिलाओं  सरिता नायर (37) और जानी-मानी टीवी और फिल्म अभिनेत्री शालू मेनन के ​कारण चर्चा में रहा। चांडी मंत्रिमंडल के लगभग एक तिहाई मंत्री और उनके कुछ निजी कर्मचारियों समेत कुछ पूर्व मंत्रियों पर सरिता नायर के संपर्क में होने के आरोप लगे। फोन कॉल रिकॉर्ड से पता चला कि सरिता  लगातार मुख्यमंत्री के सचिव के संपर्क में थी। साथ ही रिश्वत के सौदों के लिए मुख्यमंत्री दफ्तर का इस्तेमाल किया। मुख्यमंत्री दफ्तर में उसका बेरोकटोक आना-जाना था। मुख्यमंत्री के सचिव के अलावा उनका गनमैन और ड्राईवर भी लगातार सरिता के संपर्क में थे। हांलाकि मामले के सामने आते ही इन सभी को निलंबित कर दिया गया। इसलिए शुरू से ही संदेह के तार सीधे मुख्यमंत्री दफ्तर से जुड़ गए थे।

सोलर घोटाले का मुख्य आरोपी बीजू राधाकृष्णन
सोलर घोटाले का मुख्य आरोपी बीजू राधाकृष्णन

जिस व्यक्ति से उसने 40 लाख रुपये ठगे उसे वह मुख्यमंत्री दफ्तर भी ले गई थी। मुख्यमंत्री के सचिव ने उस व्यक्ति को सोलर पैनल परियोजना को सरकार का सहयोग होने का आश्वासन दिया था। इसके अलावा जन-संपर्क विभाग के निदेशक ने तिरुवनंतपुरम के एक व्यक्ति से 40 लाख की ठगी करने के लिए बीजू और सरिता से हाथ मिला लिया था।

क्या है मामला

दरअसल,  जून 2013 में जब यह मामला सामने आया तो किसी सामान्य धोखाधड़ी या फजीवाड़े के मामले जैसा ही लगा। इसमें शुरू में सरिता नायर और उसके तथाकथित पति बीजू राधाकृष्णन का नाम सामने आया। दोनों ने मिलकर‘टीम सोलर’ नाम से एक कंपनी बनाई। यह कंपनी दफ्तरों और घरों में सोलर पैनल मुहैया कराने वाली थी। दोनों ने खुद को ऊंची पहुंच वाला खासकर मुख्यमंत्री से सीधे संपर्क में होने वाले के रूप में प्रचारित किया। उसके बाद इस कंपनी के मार्फत इको-फ्रेंडली हरित उर्जा मुहैया कराने के नाम पर पूरे राज्य के आम और रसूखदार लोगों और कई कंपनियों से करोड़ों रुपये की उगाही की और सोलर पैनल लगाए बगैर पैसे लेकर चंपत हो गए।  इनके खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायतों के बाद तीन जून को सरिता नायर को हिरासत में लिया गया। उस समय बीजू पकड़ में नहीं आया। पुलिस ने राज्यव्यापी अभियान चलाकर 17 जून को तमिलनाडु के कोयंबटूर से उसे गिरफ्तार किया।

फर्जीवाड़े की यह कहानी पहले तो सामान्य कहानी ही लग रही थी। मगर इसी बीच माकपा समर्थित एक टीवी चैनल ने यह खुलासा किया कि घोटाले की मुख्य आरोपी सरिता लगातार मुख्यमंत्री दफ्तर के संपर्क में थी। मुख्यमंत्री दफ्तर और उसके बीच 70 से ज्यादा बार फोन किए गए। इस खुलासे के साथ ही केरल की राजनीति में भूचाल आ गया। तभी से इस कहानी की परतें लगातार खुलनी शुरू हुई जो चांडी की परेशानी बढ़ाते रहे। मसलन, सरिता के साथ फोन का रिकॉर्ड और तस्वीरों के अलावा मामले के मुख्य आरोपी बीजू राधाकृष्णन का यह दावा कि मई 2013 में व्यवसाय के सिलसिले में उसकी कोच्चि में मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई थी। मुख्यमंत्री से उसकी मुलाकात कांग्रेस के सांसद एमआई शानावाज ने कराई थी।

इसके अलावा उसके इस दावे से भी सरकार की साख को बट्टा लगा कि उसकी पत्नी सरिता नायर को तब वन मंत्री रहे बी गणेश कुमार के लगातार फोन आते रहते थे। इस कारण उसकी निजी जिंदगी काफी तनावपूर्ण हो गई थी। गणेश कुमार वही मंत्री हैं जिन पर उनकी पत्नी ने घरेलू हिंसा का आरोप लगाया था। इस कारण उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। बीजू राधाकृष्णन पर भी कोल्लम थाने में अपनी पहली पत्नी रेशमी की हत्या का मामला दर्ज है।

केरल में विधानसभा चुनाव इसी साल होना है। जाहिर है विपक्ष इस मुद्दे को गरमाए रखना चाहता है। घोटाला सामने आने के बाद से ही विपक्ष मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहा है। अदालत के ताजा आदेश से ओमन चांडी के पास समय कम और मुसीबतें ज्यादा हैं। उन्हें केवल वाम मोर्चे से ही नहीं अब भाजपा से भी मुकाबला करना होगा। सीधे उन पर भ्रष्टाचार और उससे भी ज्यादा गंभीर नैतिक, चारित्रिक विचलन के आरोप उनकी आगे की दावेदारी और चुनौती को कमजोर कर सकते हैं।