त्रिशुर। सोलर घोटाले में केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। घोटाले के आरोपियों से रिश्वत लेने के आरोप में त्रिशुर की सतर्कता अदालत ने उनके और उनके मंत्रिमंडल सहयोगी ऊर्जा मंत्री अरादायान मोहम्मद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है। हाल के महीनों में केरल की राजनीति में यह घोटाले काफी उबाल ला चुका है। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह घोटाला विपक्ष के लिए बड़ा मुद्दा और चांडी के लिए गले की हड्डी बन सकता है।

इस मामले में बुधवार को मुख्य आरोपी सरिता नायर ने न्यायिक कमीशन के सामने कहा था कि उससे मुख्यमंत्री के करीबी ने सात करोड़ रुपये मांगे थे। उसने एक करोड़ 90 लाख रुपये उसे बतौर रिश्वत दिए। हालांकि ओमन चांडी ने आरोपों को बकवास बताया है और कहा है कि कि जांच के बाद तीन कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। कोझीकोड में मीडिया से बातचीत में उन्होंने इसे ‘राजनीतिक षडयंत्र’ बताते हुए इसके पीछे बार मालिकों के एक वर्ग को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि सरकार के पास इस संबंध में पुख्ता सबूत हैं। सरिता ने जो आरोप लगाए, वे इसी षडयंत्र का हिस्सा हैं। उन्होंने एलडीएफ के मुख्य घटक माकपा की आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी सरकार को गिराने में असफल रही, इसलिए अब वह यह सुनिश्चित करने की हर संभव कोशिश कर रही है कि कांग्रेस नीत यूडीएफ आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ता में न आए।

चांडी ने कहा कि नए आरोपों में सरकार के पूर्व मुख्य सचेतक पी सी जॉर्ज ने भी भूमिका निभाई है। इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। विपक्ष के आरोपों के विपरीत सरकार ने इस घोटाले में एक भी रुपया नहीं गंवाया है और न ही किसी कंपनी को एक भी रुपया कमाने में मदद की है।

उन्होंने कहा कि दो सप्ताह पहले सरिता ने जांच आयोग को बताया था कि मुख्यमंत्री उसके लिए पिता तुल्य हैं। यह इतनी जल्दी कैसे बदल गया, क्या हुआ। चांडी ने कहा कि सरिता ने 2014 में आरोप लगाया था कि माकपा ने सरकार गिराने के लिए उसे 10 करोड़ रुपए देने का प्रस्ताव दिया था। हमने उस समय कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी।

चांडी के खिलाफ प्रदर्शन
मुख्यमंत्री के खिलाफ अदालत के इस आदेश को अब विपक्षी गठबंधन एलडीएफ किसी भी तरीके से हाथ से जाने नहीं देना चाहता है। एलडीएफ से जुड़े छात्र संगठन डीवाईएफआई ने गुरुवार को तिरुवनंतपुरम में चांडी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। प्रदर्शनकारियों ने सचिवालय के पास बैरियर तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।

घोटाले की मुख्य आरोपी सरिता एस नायर ने मामले की जांच कर रहे न्यायमूर्ति शिवराजन आयोग के समक्ष कोच्चि में अपना बयान देते हुए मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री पर आरोप लगाया कि उसने मुख्यमंत्री के एक निकट सहयोगी को 1.90 करोड़ रुपये और मोहम्मद को 40 लाख रुपये की रिश्वत दी थी।