सुप्रीम कोर्ट ने BCCI को कड़ी फटकार लगाते हुए चेतावनी दी है कि वह ‘खुद सीधे हो जाएं, वरना कोर्ट को आदेश के ज़रिये उन्हें सीधा करना पड़ेगा…’ प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने कहा, BCCI खुद को कानून से ऊपर  न समझे, और उसे सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करना ही होगा।

दरअसल, बुधवार को बीसीसीआई में प्रशासनिक सुधार के लिए बनी लोढ़ा कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपी। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बोर्ड क्रिकेट में सुधारों के लिए उसकी सिफारिशों को लागू नहीं कर रहा है। कमेटी ने इस पर तुरंत सुनवाई करने की गुजारिश की है.।लोढ़ा पैनल ने क्रिकेट प्रशासकों से बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर समेत आला अधिकारियों को बदलने की मांग की है। पैनल ने कहा कि बीसीसीआई खुद को कानून से ऊपर समझता है और वो हमारी सिफारिशों को सिरे से नकार रहा है। कोर्ट ने इस रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देने के लिए बोर्ड को 6 अक्टूबर तक का समय दिया है।

पूर्व कप्तानों ने उठाए सिफारिशों पर सवाल

इससे पहले पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर और कपिल देव ने लोढ़ा समिति पर सवाल उठाए थे। दोनों का मानना था कि कुछ सिफारिशें काफी कड़ी हैं, जिसमें एक राज्य एक वोट और प्रशासकों के लिए तीन साल का ब्रेक शामिल है। रवि शास्त्री भी यही प्रतिक्रिया दे चुके हैं, जिन्होंने विवादास्पद मुद्दों को सुलझाने के लिए लोढ़ा समिति और BCCI के बीच बातचीत की वकालत की थी। इन दोनों दिग्गजों का मानना है कि काम करने और नियंत्रण के लिए BCCI का ढांचा अलग तरह का है और इसलिए समिति की सारी सिफारिशें उसके लिए शायद फायदेमंद नहीं हों।