ओपिनियन पोस्ट
देशभर में इस समय रमजान का महीना चल रहा है और मुस्लिम समुदाय के लोग रमजान के इस महीने में रोजा रख रहे हैं। लेकिन इस बीच यूपी के मुजफ्फरनगर में हिंदू-मुसलमान के बीच सौहर्द कायम करने की एक लाजवाब कोशिश की गई है। दरसअल, मुजफ्फरनगर जेल में रमजान के इस महीने में न सिर्फ मुस्लिम कैदी बल्कि हिंदू कैदी भी रोजा रख रहे हैं।
मुजफ्फरनगर की जेल में इन दिनों 1,174 मुस्लिम कैदियों के साथ-साथ करीब 32 हिंदू कैदी भी रोजा रख रहे हैं। जेल अधीक्षक राकेश सिंह के मुताबिक, जेल अधिकारियों ने रोजा रखने वाले कैदियों के लिए विशेष व्यवस्था की है। ‘इफ्तार’ के लिए उन्हें दूध और मेवे उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
रमजान के पवित्र मौके पर इस तरह की बानगी यूपी में पहली बार देखने को मिल रही है। आपको बता दें कि मुजफ्फरनगर से इस तरह की पहल एक मिसाल देने लायक इसलिए है क्योंकी ये वही मुजफ्फरनगर है, जहां सांप्रदायिक हिंसा में लोग एक-दूसरे के खून के प्यासे हो गए थे। मुजफ्फरनगर और शामली में हुए दंगों से हिंदुओं और मुस्लिमों में ही मतभेद नहीं बढे थे। बल्कि पूरे देश में मुजफ्फर नगर दंगो के बाद राजनीतिक दलों में जमकर सियासत भी हुई थी। लेकिन, रमजान के इस मौके पर हिंदू-मुस्लिम कैदी रोजा रखकर सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश कर रहे हैं।