रियो डि जेनेरियो। ओलंपिक खेलों में अब एकमात्र पुरुष एथलीट से उम्‍मीद लगाए बैठे भारतीयों को आखिरकार निराश होना पड़ा। भारत का सफर दो पदकों पर जाकर रुक गया। आखिरी दिन भारत को कोई पदक नहीं मिला। सबसे बड़ी उम्मीद पहलवान योगेश्वर दत्त पहले ही राउंड में हार गए। 65 किलो फ्रीस्टाइल इवेंट के क्वालिफिकेशन बाउट में मंगोलिया के पहलवान मन्दाखनारन गैंजोरिग ने योगेश्वर को 3-0 से हराया। योगेश्वर ने पिछले लंदन ओलंपिक में कांस्‍य पदक जीता था। रियो में भारत के लिए पीवी सिंधू ने सिल्वर और साक्षी मलिक ने कांस्‍य पदक जीता।

रियो में भारत ने अपना अब तक का सबसे बड़ा दल (119 खिलाड़ी) भेजा था। इसमें से 117 खिलाड़ी खाली हाथ लौटे। एथलीट के पीछे पैसे भी जमकर खर्च हुए थे। पहली बार कई सुविधाएं दी गई थीं। उम्मीद थी कि 12 पदक मिलेंगे, लेकिन पदक मिले सिर्फ दो।

यह पिछले तीन ओलंपिक में भारत का सबसे कमजोर प्रदर्शन है। लंदन ओलंपिक में भारत ने छह (दो रजत और चार कांस्‍य) और बीजिंग ओलंपिक में तीन (एक स्‍वर्ण और दो कांस्‍य) पदक जीते थे। बीजिंग में भारत 50वें और लंदन में 55वें स्थान पर रहा था, लेकिन इस बार हम 67वीं पोजिशन पर पहुंच गए।

रियो में सिर्फ पीवी सिंधू (रजत) और साक्षी मलिक (कांस्‍य) पदक जीत पाईं। 16 वर्षों में ये पहला मौका है जब देश का कोई पुरुष खिलाड़ी पदक नहीं जीत पाया। पिछली बार 2000 सिडनी ओलंपिक में ऐसा हुआ था, जब कर्णम मल्लेश्वरी ने देश को इकलौता पदक दिलाया था।

यदि मंगोलिया का पहलवान 65 किलो फ्रीस्टाइल इवेंट के फाइनल के लिए क्वालिफाई करता तो योगेश्वर के पास कांस्‍य जीतने का मौका था, लेकिन मंगोलिया का पहलवान अगले ही राउंड में हार गया। रियो में भारत का खाता खोल कांस्‍य पदक लाने वाली साक्षी मलिक भी इसी तरह रेपचेज राउंड में जीती थीं। 2008 में सुशील कुमार और 2012 में खुद योगेश्वर दत्त ने भी रेपचेज राउंड में कांस्‍य जीता था।

रविवार को हुई पुरुषों की 50 किलोमीटर वॉक इवेंट के फाइनल में संदीप कुमार 35वें स्‍थान पर रहे। महिलाओं की 20 किलोमीटर वॉक इवेंट के फाइनल में खुशबीर कौर 54वें नंबर पर रहीं। गोल्फ में महिलाओं के इवेंट के फाइनल में अदिति अशोक 52वीं रैंक पर रहीं। पुरुष मैराथन में थनाकल गोपी और खेता राम ने अपना बेस्ट टाइम निकालते हुए क्रमश: 25वां और 26वां स्‍थान हासिल किया। नितेन्द्र सिंह रावत 84वें स्थान पर रहे। गोपी ने दो घंटे 15 मिनट 25 सेकेंड का समय लिया। खेता राम ने दो घंटे 15 मिनट 26 सेकेंड का समय लिया। नितेन्द्र का समय दो घंटे 22 मिनट 52 सेकेंड रहा।