अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 67वें जन्मदिन पर सादगी दिखाते हुए प्रोटोकाल तोड़ दिया और 20 कारों का काफिला छोड़ एक कार में शनिवार सुबह यहां गांधीनगर में मां हीराबेन से मिलने पहुंचे। वे करीब आधा घंटा मां के साथ रहे। इस दौरान पूरे वक्त उनका हाथ थामे रहे। मां के घर वे प्रोटोकॉल तोड़कर अपने लंबे काफिले के बगैर ही पहुंचे। इससे पहले मोदी शुक्रवार रात अहमदाबाद आए। पीएम बनने के बाद वे तीसरी बार मां से मिलने पहुंचे। मुलाकात के बाद मोदी ने ट्वीट किया, ”मां की ममता, मां का आशीर्वाद जीवन जीने की जड़ी-बूटी है।”  दो दिन के गुजरात दौरे में मोदी कई प्रोजेक्ट्स की शुरुआत करेंगे। इसके बाद नवसारी जाकर हैंडिकैप्ड लोगों को हेल्पिंग इक्विपमेंट भी बांटेंगे। मोदी की मां उनके भाई पंकज के घर रहती हैं। यहां सुबह सवा सात बजे मोदी एक कार में बैठकर पहुंचे। वे हाफ कुर्ता पहने हुए थे। उनकी मां सोफे पर बैठी थीं। आते ही मोदी ने मां के पैर छुए। हीराबेन ने उन्हें हाथ में कुछ दिया। इसके बाद मोदी अपनी मां की दाहिनी तरफ बैठ गए।

मोदी मां के घर प्रोटोकॉल तोड़कर अपने लंबे काफिले के बगैर ही पहुंचे। वे स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की सिक्युरिटी में रहते हैं। उनके काफिले में आमतौर पर 20 से ज्यादा कारें रहती हैं, जिनमें सिक्युरिटी, पर्सनल स्टाफ से लेकर एम्बुलेंस तक शामिल है। मोदी इतने बड़े काफिले के बगैर मां से मिलने पहुंचे। वे एक एसयूवी में सवार थे। पूरे रास्ते की नाकेबंदी की गई थी। मोदी की गाड़ी के आगे या पीछे काफिले की कोई कार मौजूद नहीं थी। यहां से मोदी राजभवन लौट गए, जहां सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर से उनकी मुलाकात हुई। अहमदाबाद में सीएम विजय रूपाणी समेत कई मंत्रियों और सीनियर बीजेपी लीडर्स ने मोदी का वेलकम किया। बाद में मोदी वहां से गांधीनगर रवाना हो गए। अहमदाबाद एयरपोर्ट पर मोदी ने कहा, “16 सितंबर, 2014 को (लोकसभा चुनाव में जीत के बाद) भी मुझे इसी धरती पर आपसे मिलने का मौका मिला था। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे आज फिर पुराने दोस्तों से मिलने का मौका मिला।” “इतनी बड़ी तादाद में आप लोग मुझे आशीर्वाद और बधाई देने आए हैं। आप सभी का दिल से शुक्रिया अदा करता हूं।”