नई दिल्ली।

काले धन को सफेद करना कितना भारी पड़ता है, उसका एक बड़ा उदाहरण लालू यादव की बेटी और राज्यसभा की  सदस्‍य मीसा भारती हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने उनका फार्म हाउस सील कर दिया है। मीसा और उनके पति शैलेश का फार्म हाउस दिल्ली के बिजवासन में है। फार्म हाऊस मिशेल कंपनी के नाम पर खरीदा गया था, जिसके लिए साल 2008-09 में शैल कंपनियों के जरिये पैसा आया था। लालू यादव तब केंद्र में रेल मंत्री थे।

फार्म हाउस को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत सील किया गया है। पिछले जून में आयकर विभाग ने लालू यादव के परिवार की 12 प्रॉपर्टी अटैच की थी। बेनामी संपत्ति का विवाद सामने आने पर नीतीश कुमार ने महागठबंधन तोड़कर लालू यादव की पार्टी से किनारा कर लिया था।

एक करोड़ बीस लाख रुपये शैल कंपनियों के जरिये आए थे। ईडी ने इस मामले में मीसा-शैलेश के सीए राजेश अग्रवाल को गिरफ्तार किया था,  हालांकि दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है। विशेष न्यायाधीश नरेश कुमार मल्होत्रा ने सीए राजेश अग्रवाल को दो लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी और कहा कि उन्हें हिरासत में रखकर कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा।

अग्रवाल ने राहत मांगते हुए दावा किया था कि वह न्यायिक हिरासत में हैं और उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की अब जरूरत नहीं है। सुनवाई के दौरान लोक अभियोजक नीतीश राना ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि जांच अब भी जारी है और आरोपी को जमानत पर रिहा करने का यह सही समय नहीं है। उन्होंने अदालत को बताया कि मामला शुरूआती चरण में है और अगर जमानत मंजूर की जाती है तो आरोपी सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है।

ईडी के अनुसार, अग्रवाल संदिग्ध कर चोरी को लेकर जांच के दायरे में चल रहीं मीसा भारती से कथित रूप से संबंधित एक फर्म के कुछ लेनदेन से जुड़े हैं। मामला उस समय सामने आया था जब ईडी ने इस साल फरवरी में धन शोधन रोकथाम कानून के तहत एक आपराधिक शिकायत दर्ज की थी।

आयकर विभाग भी लालू प्रसाद और उनके परिवार द्वारा बेनामी संपत्ति मामले में दिल्ली और पटना में महंगी संपत्तियां खरीदने के लिए फर्जी कंपनियों के इस्तेमाल करने के मामले की जांच कर रहा है। आयकर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली की अदालत में आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा और वे भारती तथा उनके पति से दिल्ली में एक बार फिर पूछताछ करना चाहते हैं।